कोरोना को है हराना तो चीन से सीखे दुनिया, कम थे अस्पताल तो रातों-रात किया था इंतजाम
हटके डेस्क: दुनिया में कोरोना वायरस ने आक्रामक रूप धारण कर लिया है। दुनिया में इससे संक्रमित लोगों की संख्या जल्द पांच लाख पार कर जाएगी। हर बीतते दिन के साथ इससे हो रही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। भारत में भी स्थिति गंभीर है। बात अगर इटली और स्पेन की करें, तो इन दो देशों ने कोरोना के कारण मौत के आंकड़ों में चीन को भी पीछे कर दिया है। दुनिया के कई देशों को लॉकडाउन कर दिया गया है. ताकि ये वायरस और ना फैल पाए। इस बीच चीन ने अपने देश में लॉकडाउन खत्म कर दिया। चीन में वायरस से संक्रमण के नए मामलों में कमी आ गई है। साथ ही कई लोग ठीक होकर घर भी लौट रहे हैं। जबकि दुनिया के कई देश हैं जहां कब्रिस्तान में लाशों को दफ़नाने की जगह नहीं है। वहीं चीन ने अचानक माहमारी बने इस वायरस से निपटने के लिए तुरंत एक्शन लिया था। दुनिया को अगर कोरोना से लड़ना है तो चीन से कुछ बातें जरूर सीखनी चाहिए।
दिसंबर में चीन में कोरोना का मामला सामने आया था। इसके बाद कुछ ही हफ़्तों में वायरस ने भयानक रूप ले लिया था। मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई थी कि अस्पताल में उन्हें एडमिट करने के लिए जगह नहीं थी।
इस स्थिति का चीन ने काफी धैर्य से सामना किया। चीन ने 10 दिन के अंदर 1 हजार बेड वाले अस्पताल का निर्माण कर दिया।
चीन ने कई स्टेडियम और म्युजियम को अस्पताल में बदल दिया। वुहान के कन्वेंशन सेंटर को अस्पताल बना दिया गया।
चीन में सख्ती से लॉकडाउन कर दिया गया। बीते दो महीनों से लोग घर के अंदर कैद थे।
चीन में मेडिकल टीम घर-घर जाकर लोगों का टेम्प्रेचर चेक कर रही थी। टीम ने जबरदस्ती मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया।
इस वायरस की रोकथाम के लिए चीन काफी सजग था। जो भी इस वायरस की बात छिपा रहे थे, उन्हें ढूंढकर एडमिट करवाया गया।
इन तीन महीनों में कई टेम्पररी अस्पताल बनाए गए। इन अस्पतालों में कोरोना के संदिग्धों को रखा गया।
अस्पताल के अरेंजमेंट्स वाकई काबिले तारीफ थे। मरीजों को आइसोलेट कर रखा गया। साथ ही स्वस्थ लोगों को दूर रखा गया।
चीन में सड़कों पर नियम से सैनेटाइजर का छिड़काव किया गया। इसी का नतीजा है शायद कि अब चीन ने लॉकडाउन खत्म कर दिया है। सड़कों पर लोग आ गया हैं। हालांकि, अभी भी मास्क लगाए रखना जरुरी है।