कोरोना से पहले ही लॉकडाउन में रहा ये शख्स, जंगली आदिवासियों के बीच हो गया था ऐसा हाल

ऐसे लोगों की दुनिया में कमी नहीं रही है, जो एक नया एक्सपीरियंस पाने के लिए और कुछ नई जानकारी हासिल करने के लिए आबादी से बहुत दूर घने जंगलों में रहने वाले ट्राइब्स के बीच काफी समय गुजारते रहे हैं। आज तो लोग मजबूरी में कोरोना की वजह से आइसोलेशन और लॉकडाउन में रह रहे हैं, लेकिन हर आधुनिक सुख-सुविधा से दूर बरसों तक ट्राइब्स के बीच रहने वाले लोगों के साथ ऐसी कोई मजबूरी नहीं थी। ऐसे ही लोगों में हैं नॉर्वे के 24 साल के इंजीनियर और फिल्ममेकर ऑडुन अमुंडसेन वेस्टर्न इंडोनेशिया के मेन्तावाई ट्राइब के बीच जा कर रहे और उनके जीवन पर 'न्यूटोपिया' (Newtopia) नाम की डॉक्युमेंटरी फिल्म बनाई। इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह इस ट्राइब का एक शख्स अमन पाकसा आधुनिकता से प्रभावित होकर शहर जाता है और वहां जॉब की तलाश करता है। ऑडुन अमुंडसेन शुरू में मेन्तावाई ट्राइब के बीच साल 2004 में एक महीने के लिए गए थे, लेकिन वे वहां से 2009 में वापस लौटे। इस बीच, उन्होंने उनकी वह भाषा सीख ली थी जिसकी कोई लिपि नहीं है। तस्वीरों में देखें वेस्टर्न इंडोनेशिया के मेन्तावाई ट्राइब के लोगों की लाइफ कैसी है। 

Manoj Jha | Published : Apr 19, 2020 5:55 AM IST / Updated: Apr 19 2020, 04:15 PM IST

111
कोरोना से पहले ही लॉकडाउन में रहा ये शख्स, जंगली आदिवासियों के बीच हो गया था ऐसा हाल

ऑडुन अमुंडसेन वेस्टर्न इंडोनेशिया के मेन्तावाई ट्राइब के बीच जा कर रहे और उनके जीवन पर 'न्यूटोपिया' (Newtopia) नाम की डॉक्युमेंटरी फिल्म बनाई। यह डॉक्युमेंटरी काफी चर्चित रही।

211

इंजीनियर और फिल्ममेकर ऑडुन अमुंडसेन मेन्तावाई ट्राइब के एक व्यक्ति के साथ नदी पार करते हुए। 

311

वेस्टर्न इंडोनेशिया के जंगलों और नदियों से भरे इलाके में मेन्तावाई ट्राइब के लोग रहते हैं। यह इलाका बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटा हुआ है। 

411

जंगलों में इसी तरह की झोपड़ियां बना कर मेन्तावाई कबीले के लोग रहते हैं। ये घने जंगलों के बीच रहने का ठिकाना बनाते हैं। 

511

मेन्तावाई कबीले के लोग अभी भी शिकार कर के जीवन यापन करते हैं। ये अपनी सारी जरूरतों के लिए जंगल पर ही निर्भर हैं। 

611

ऑडुन अमुंडसेन को एक बार जंगलों में रहते हुए बहुत गंभीर आई इन्फेक्शन हो गया। यह तो उनके पास कुछ एंटीबायोटिक्स थी, जिसका इस्तेमाल करने पर वे ठीक हो सके। 

711

धीरे-धीरे जंगलों में रहने वाले इन कबीलों के जीवन में भी आधुनिकता का प्रवेश हो रहा है। उनके पास बाहर से कपड़े आ रहे हैं और वे प्लास्टिक के डिब्बों का भी यूज करने लगे हैं, लेकिन ज्यादातर लोग जंगली जीवन ही बिता रहे हैं। 

811

इस कबीले का पाकसा नाम का एक शख्स पदांग शहर चला गया। वहां उसने एक लैंड कन्स्ट्रक्शन कंपनी में जॉब शुरू कर दी। अब वह वेस्टर्न स्टाइल के कपड़े पहनता है और मशीनों का इस्तेमाल करना भी सीख गया है। 

911

अमुंडसेन यहां के जंगलों में अपनी डॉक्युमेंटरी की शूटिंग करने के सिलसिले में कई बार आए। पाकसा के साथ उनकी गहरी दोस्ती हो गई। यहां अमुंडसेन पाकसा के साथ जकार्ता में हैं। उनके बीच दोस्ती के 16 साल हो चुके हैं।   

1011

पाकसा शहर के अपने छोटे से कमरे में। पहले उसे शहर की लाइफ काफी अट्रैक्टिव लगी थी, लेकिन जल्दी ही उसे यह एहसास हो गया कि यहां वो बात नहीं है, जो जंगलों में थी।

1111

वेस्टर्न इंडोनेशिया के इन्हीं पहाड़ों और जंगलों में मेन्तावाई ट्राइब के लोग रहते हैं। यहां का जीवन बहुत ही शांत है। चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos