मर्दों को ऐसे रिझाती हैं ये आदिवासी महिलाएं, हाथ में लेकर घूमती हैं AK 47

अफ्रीका के इथोपिया में मुर्सी ट्राइब की महिलाएं काफी लड़ाकू और साहसी होती हैं। ये औरतें एके 47 राइफलों से लैस रहती हैं और किसी भी खतरे का सामना कर सकती हैं। इन महिलाओं की खासियत है कि ये अपने होठों को काफी बड़ा बना लेती हैं। इसके लिए बचपन से ही इनके होठों के बीच लकड़ी के टुकड़े रख कर उन्हें फैलाया जाता है। मुर्सी ट्राइब में जिस महिला के होठ जितने फैले और लटके होते हैं, वह उतनी ही खूबसूरत मानी जाती है। कई महिलाओं के होठ तो 7 इंच तक फैले होते हैं। ये महिलाएं सीप और लकड़ी से बनी चीजों से श्रृंगार करती हैं। ये महिलाएं इतनी साहसी होती हैं कि गोद में छोटे बच्चे को लिए राइफल चला सकती हैं। इथोपिया की यह जनजाति ओमो नदी की घाटी में निवास करती है। इनकी आबादी लगातार घटती जा रही है। अब इनकी संख्या महज 10,000 रह गई है। हाल ही में इटली के एडवेंचर टूरिस्ट और फोटोग्राफर जियानलुका चियोडिनी ने मुर्सी जनजाति की महिलाओं की तस्वीरें लीं। इससे उनके जीवन की एक झलक मिलती है। देखें तस्वीरें। 

Manoj Jha | Published : Mar 10, 2020 4:28 AM IST / Updated: Mar 13 2020, 07:21 PM IST

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मर्दों को ऐसे रिझाती हैं ये आदिवासी महिलाएं, हाथ में लेकर घूमती हैं AK 47
मुर्सी ट्राइब की एक कम उम्र की महिला अपने बच्चे को साथ लिए एके47 राइफल को गौर से देख रही है। इस ट्राइब की महिलाएं काफी साहसी होती हैं।
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मुर्सी ट्राइब की जिन महिलाओं के होठ जितने फैले और लटके होते हैं, वे उतनी ही सुंदर मानी जाती हैं। इस जनजाति की एक उम्रदराज महिला जिसने सीपों से खुद को सजा रखा है।
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मुर्सी ट्राइब की महिलाएं अपने होठों को फैलाने के लिए कई तरह के उपाय करती हैं। ज्यादा फैले होठों वाली महिलाओं को पुरुष काफी पसंद करते हैं।
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एक उम्रदराज महिला ने अपने होठों को फैलाने के लिए अजीब ही उपाय कर रखा है। मुर्सी ट्राइब में बचपन से ही लड़कियों के होठों को फैलाने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं।
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सजी-संवरी मुर्सी जनजाति की एक नवयुवती। इनका ज्यादा समय जंगलों में ही बीतता है। ये जानवरों का शिकार करने में माहिर होती हैं।
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मुर्सी जनजाति की एक उम्रदराज महिला। ये सीपों और जंगल में मिलने वाली चीजों से अपना साज-श्रृंगार करती हैं।
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मुर्सी जनजाति की एक युवती सज-संवर कर अपनी झोपड़ी के पास खड़ी है। ये महिलाएं किसी भी खतरे का सामना करने के लिए हर वक्त तैयार रहती हैं।
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मुर्सी जनजाति की महिलाएं सीपों और शंखों से आपनी श्रृंगार करती हैं।
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अपने होठों को और भी फैलाने के लिए दांतों के बीच लकड़ी का एक गुटका दबाए महिला। काम करने के दौरान भी ये अपने बच्चों को साथ रखती हैं।
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