दिल्ली यूनिवर्सिटी का वो पेड़ जिसमें कंडोम बांधा करते थे स्टूडेंट्स, बांधने से पूरी होती थी ये मन्नत

हटके डेस्क: 7 फरवरी से वैलेंटाइन वीक की शुरुआत होने वाली है। प्यार के इस त्योहार में पूरे हफ्ते अलग-अलग दिन मनाया जाता है। इसके बाद 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। कपल्स एक-दूसरे को गिफ्ट्स देते हैं।  वैलेंटाइन डे को लेकर कपल्स की तैयारी तो फरवरी के पहले दिन से ही शुरू हो जाती है। लोग अपने पार्टनर को खुश करने के लिए कई तरह की तैयारियां करते हैं। लेकिन सिंगल लोगों के लिए ये वीक काफी तकलीफदायक होता है। तभी तो कुछ समय पहले तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस में वर्जिन ट्री की पूजा की जाती थी। इस पेड़ पर सिंगल्स कंडोम बाँधते थे। इसके पीछे ख़ास वजह थी। हालाँकि, कुछ साल पहले इस प्रथा को बंद करवा दिया। इसके खिलाफ महिला स्टूडेंट्स ने काफी ज्यादा विरोध प्रदर्शन किया था। आइये बताते हैं क्या थी ये  प्रथा और क्यों इसे बंद करवा दिया गया... 

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2021 5:48 AM IST
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दिल्ली यूनिवर्सिटी का वो पेड़ जिसमें कंडोम बांधा करते थे स्टूडेंट्स, बांधने से पूरी होती थी ये मन्नत

कुछ साल पहले तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक पेड़ था, जिसे वर्जिन ट्री के नाम से जाना जाता था। इस पेड़ पर वैलेंटाइन वीक में सिंगल स्टूडेंट्स कंडोम बांधते थे। इसके पीछे ख़ास वजह थी। 

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कहा जाता था कि जो सिंगल इस पेड़ पर कंडोम बांधता था, उसे वैलेंटाइन डे तक एक पार्टनर मिल जाता था। कंडोम बांधना गुड लक लेकर आता था।  इस वजह से ये वर्जिन ट्री कैंपस में काफी मशहूर था।  

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हालांकि, कई लड़कियां इस प्रथा का विरोध करती थी। उनका कहना था कि ये लड़कियों की इंसल्ट है। पेड़ पर कई हीरोइनों की तस्वीर लगी थी। महिला विरोधी इस रिवाज को लेकर कैंपस में काफी बवाल भी हुआ था। 
 

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कुछ साल पहले कॉलेज के स्टूडेंट्स ने एक्टर रणवीर सिंह को लव गुरु बताकर उसकी पोस्टर की पूजा की थी।  उनका कहना था कि ऐसा करने से उन्हें उनका प्यार मिल जाएगा। 

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वर्जिन ट्री का शेप वी आकार का था। इसकी 14 फरवरी को ख़ास पूजा की जाती थी। पूजा करने वालों के अगले 6 महीने लव लाइफ में बेहतरीन बीतेंगे, इसकी उम्मीद की जाती थी। 

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हालांकि, काफी विरोध के बाद इस पूजा को बंद करवा दिया गया। अब कैंपस में वर्जिन ट्री की पूजा  नहीं की जाती है। इस में कॉलेज के मिस और मिस्टर फ्रेशर को पुजारी बनाया जाता था। 
 

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भले ही अब ये प्रथा बंद कर दी गई है, लेकिन कैंपस में इसके चर्चे कम नहीं हैं। सभी आज भी मानते हैं कि इसकी पूजा करने से उनकी लव लाइफ कामयाब होती थी। साथ ही जिसका पार्टनर नहीं होता था, उसे भी पूजा के बाद पार्टनर मिल जाता था।  

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