भूकंप-ज्वालामुखी-सुनामी के साए में जीते हैं इस देश के लोग, एक झटके में चली जाती है 2 लाख लोगों की जानें

Published : Jul 07, 2020, 08:25 AM ISTUpdated : Jul 07, 2020, 11:28 AM IST

हटके डेस्क: साल 2020 की मनहूसियत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक के बाद एक इस साल प्राकृतिक आपदाएं लोगों को अपना शिकार बनाती ही जा रही है।  7 जुलाई, मंगलवार सुबह 4 बजकर 24 मिनट पर इंडोनेशिया भूकंप के झटकों से दहल गया। इस दौरान सभी अपने घरों  रहे थे।  तभी अचानक जमीन जोर से कांपी और हर तरह चीख-पुकार मच गई। अभी तक भूकंप में हुए नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई घरों के क्षतिग्रस्त होने की खबर है। बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके काफी तेज थे। द जकार्ता पोस्ट के मुताबिक़, रिक्टर स्केल पर इसे 6.6 मापा गया है। इसका एपिसेंटर जकार्ता बताया जा रहा है। एपिसेंटर से शुरू होकर इसके झटके 100 किलोमीटर दूर तक महसूस किये गए। हालांकि, आपको बता दें कि इंडोनेशिया के लिए भूकंप के झटके नए नहीं है। इस देश में हर साल भूकंप भारी तबाही मचाता है। यहीँ आए सुनामी ने करीब 1 लकह 70 हजार लोगों की जान ले ली थी। देश के लोगों के लिए भूकंप उनकी जिंदगी का एक हिस्सा ही बन गया है। आइये आपको दिखाते हैं कैसे इस देश पर भूकंप हर साल प्रहार करता है।   

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भूकंप-ज्वालामुखी-सुनामी के साए में जीते हैं इस देश के लोग, एक झटके में चली जाती है 2 लाख लोगों की जानें

इंडोनेशिया में सुबह-सुबह आए भूकंप के झटकों से देश की राजधानी दहल गई। यहां आए तेज झटको के बाद कई घरों को भारी नुकसान हुआ है। अभी तक मौत के आंकड़े सामने नहीं आए हैं। लेकिन सामने आई तस्वीरों से साफ़ है कि भूकंप ने यहां भारी तबाही मचाई है। 
 

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साउथ ईस्ट एशियन आर्किपेलेगो के मुताबिक़, अभी भी देश के सिस्मिक और वॉलकैनिक प्लेट्स में हलचल है। ऐसे में रिंग ऑफ़ फायर के नाम से मशहूर इन प्लेट्स में फिर से टकराहट हो सकती है। 
 

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दर्ज रिकार्ड्स के मुताबिक़, इंडोनेशिया में 1901 से लेकर 2017 के बीच करीब 150 बार 7 के ऊपर मैग्नीट्यूड के भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं। इन भूकंप से देश को काफी नुकसान पहुंचा था। 
 

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2004 में सुमात्रा में आए भूकंप ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी। इसे अभी तक के इतिहास में दुनिया का तीसरा सबसे भयानक झटका माना गया। इस भूकंप में सिर्फ इस देश में ही एक लाख 70 हजार लोगों की मौत हुई जबकि 50 हजार लोग गुमशुदा हो गए।  

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दिसंबर 2014 में सुमात्रा में ही 6.4 मैग्नीट्यूड भूकंप के झटके महसूस किये गए। इसमें करने वालों में तीस प्रतिशत बच्चे थे। इस भूकंप में भी कई इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा था।  
 

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आपको बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जो सिर्फ आइलैंड पर बना हुआ है। इस वजह से समुद्र में उठी हलकी से हलचल भी वहां काफी नुकसान मचा देती है। 

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भूकंप के कारण यहां गरीबी सबसे ज्यादा फैली है। हर कुछ दिनों में  भूकंप के कारण लोग घर बनाने की जगह  सड़कों पर रहना पसंद करते हैं। 
 

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सबसे हैरत की बात ये है कि इस देश में ना सिर्फ भूकंप, बल्कि ज्वालामुखी, बाढ़ और सुनामी का खतरा भी सबसे ज्यादा रहता है। 

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ऐसे में कोरोना संकट में एक के बाद एक इस देश में आने वाले भूकंप के झटकों ने लोगों को परेशान कर दिया है। 
 

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