काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी के बीचों बीच स्थित गुरुद्वारे में घुसकर बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावरों ने हमला किया जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग घायल हुए हैं। अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर यह अब तक के सबसे भयावह हमलों में से एक है। बता दें कि अफगानिस्तान में करीब 300 सिख परिवार रहते हैं। इनकी संख्या काबुल और जलालाबाद में अधिक है। इन्हीं दो शहरों में गुरुद्वारे भी हैं।
बंदूकधारी हमलावरों ने स्थानीय समयानुसार सुबह करीब पौने आठ बजे (7:45 बजे) शोर बाजार इलाके में स्थित गुरद्वारे पर हमला किया। उस समय वहां 150 श्रद्धालु थे। टोलो न्यूज ने एक सुरक्षा स्रोत के हवाले से कहा, ‘‘काबुल के पीडी1 में सिख धर्मस्थल धर्मशाला में हमले में कम से कम 11 लोग मारे गये और 11 अन्य घायल हो गये।’’
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उसने ट्वीट किया, ‘‘इन हमलावरों की अब भी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ चल रही है। एक को गोली मार दी गयी है। धर्मशाला पर हमले में कार्रवाई में विदेशी सैनिक भी शामिल हैं।’’ काबुल पुलिस ने कहा कि गुरुद्वारे से कम से कम 11 बच्चों को सुरक्षित निकाला गया है।
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सिख सांसद नरिंदर सिंह खालसा ने कहा कि गुरुद्वारे के भीतर मौजूद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और हमले के बारे में बताया जिसके बाद वह मदद करने के लिए वहां गए। उन्होंने कहा कि हमले के वक्त गुरुद्वारे के भीतर करीब 150 लोग थे। अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि पुलिस ने त्वरित प्रतिक्रिया दी, वह घटनास्थल पर पहुंच चुकी है लेकिन गोलीबारी अभी जारी है।
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तालिबान ने खड़े किए हाथः तालिबान के प्रवक्ता जुबिहुल्ला मुजाहिद ने ट्वीट कर कहा कि हमले में तालिबान का हाथ नहीं है। उधर इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह ने हमला करने का दावा किया है। उसने कहा कि आईएस लड़ाके गुरुद्वारे पर इस समय भी हमले को अंजाम दे रहे हैं।
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हमले के बाद गुरुद्वारे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर ले जाती हुए सुरक्षा बल। आतंकियों के हमले के बाद परिसर में अफरातफरी का माहौल निर्मित हो गया।
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IS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। बताया जा रहा कि सभी सिख गुरुद्वारे में प्रार्थना कर रहे थे। इसी दौरान बंदूक से लैस हमलावरों ने ताबड़तोडड़ हमला शुरू कर दिया है। हमलवारों ने इसी गुरुद्वारे में श्रद्धालुओं पर हमला किया है।
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