Published : Jul 25, 2020, 11:14 AM ISTUpdated : Jul 25, 2020, 11:41 AM IST
बर्लिन. जर्मनी की एक अदालत ने एक 93 साल के गार्ड को 5230 लोगों की हत्या में दोषी पाया। ब्रूनो डे नाम का यह शख्स 75 साल पहले स्टथऑफ कंसनट्रेशन कैंप में गार्ड था। यहां हजारों यहूदियों की हत्या हुई थी। ब्रूनो डे पर नाजियों की हत्या करने में मदद का आरोप लगा था। कोर्ट ने ब्रूनो को दोषी ठहराते हुए कहा कि उसने निर्मम अपराध किया है, इसके लिए उसे सजा मिलेगी।
ब्रूनो पोलैंड के डैंस्क के पूर्व में स्थित स्टथऑफ कंसेनट्रेशन कैंप में 1944 से लेकर 1945 तक गार्ड था। ब्रूनो के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद केस चलाया गया था। लेकिन वह उस वक्त सिर्फ 17 साल का था। इसलिए उसे नाबालिग होने के चलते सिर्फ 2 साल की सजा हुई।
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इसके बाद ब्रूनो को छोड़ दिया गया। लेकिन जो लोग कैंप में मारे गए थे, उनके परिजनों ने दोबारा केस दायर किया। लोगो का दावा था कि यह मारे गए रिश्तेदारों के साथ अन्याय होगा।
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नाजी दौर के अपराधियों को सजा देने के लिए जर्मनी में कई साल से प्रक्रिया चल रही है। इसी के तहत ब्रूनो पर दोबारा केस चलाया गया। मारे गए लोगों की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट में कहा, गार्ड की उम्र उसके अपराध को कम नहीं करती।
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ब्रूनो को हैम्बर्ग स्टेट कोर्ट में पेश किया गया। यहां जज ने जब उसके खिलाफ फैसला सुनाया तो वह अपनी आंखे नीचे करके अदालत में बैठा रहा।
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जज एनी मियरे गोरिंग ने कहा, ब्रूनो ने जो अपराध किया, वह निर्मम था। आपको इस काम में शामिल नहीं होना चाहिए था। लेकिन आप शामिल हुए। आपने हत्या करने का आदेश माना। आप इन हत्याओ के बराबर अपराधी हैं। अब आपको सजा मिलेगी।
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ब्रूनो ने बताया, उसने गैस चैंबर्स में बंद लोगों के चिल्लाने की आवाजें सुनी थीं। बाद में बाहर आते शवों को भी देखा था। इसके बाद वह कभी चैन से नहीं सो पाया। उसे डरावने सपने आते थे।
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नाजी कैंप्स में करीब 60 हजार यहूदियों को मारा गया था। जर्मनी के पास पोलैंड के स्टूटोवो कस्बे में कई कंसेनट्रेशन कैंप बनाए गए थे। जिनमें इन यहूदियों को नाजी सेना ने मारा था।