Published : Dec 29, 2019, 06:32 PM ISTUpdated : Dec 29, 2019, 07:04 PM IST
नई दिल्ली. चीन में उइगर और कजाक मुस्लिम शरणार्थियों के साथ दरिंदगी और अत्याचारों की खबरें काफी समय से बाहर आ रही हैं। देश-दुनिया की मीडिया में चीन में मुस्लिम शरणार्थी को डिटेंशन सेंटर में डाले जाने की खबरें फैल चुकी है। इस मामले में कुछ चीनी एक्टिविस्ट ने भी चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि, यहां मुस्लिम महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार हो रहा है। सरकार उइगर मुस्लिम महिलाओं से शादी करने के लिए हान (हान चीनी एक पूर्व एशियाई जातीय समूह है) लोगों को पैसा देने, आवास देने और नौकरी देने की पेशकश कर रही है। एक्टिविस्ट ने इसे मानवता को शर्मसार करने वाला कहा है।
चीन में करीब 10 लाख से ज्यादा उइगर मुसलमान रहते हैं। यहां कजाक और उइगर समुदाय के मुस्लिम शरणार्थी हैं जो एक साधारण जिंदगी के लिए बरसों से तरस रहे हैं। चीनी सैनिक इन मुस्लिम शरणार्थियों के साथ काफी बदसलूकी करते हैं।
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पुरुषों को डिटेंशन सेंटर वाली जेलों में डाल दिया जाता है। वहीं महिलाओं के साथ चीनी सैनिक बलात्कार करते हैं, जबरन शादी करते हैं या उनके साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर गर्भपात करवा देते हैं।
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हाल में चीन में करीब 5 लाख मुस्लिम शरणार्थी बच्चों को उनके मां-बाप से अलग बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक मां-बाप डिटेंशन सेंटर में हैं और बच्चे बोर्डिंग स्कूल में।
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अब बात करें चीनी एक्टिविस्ट की जो उइगर शरणार्थियों के हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं। ये लगातार इन मुसलमानों के लिए आवाज उठा रहे हैं।
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एक कार्यकर्ता ने चीन के "पेयर अप एंड बीकम फैमिली (जुड़िए और परिवार का हिस्सा बनिए) " कार्यक्रम के खिलाफ जमकर बोला। दरअसल चीन में मुस्लिम शरणार्थियों को चीनी सभ्यता सिखाने के लिए जातीय एकता के नाम ऐसे कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
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एक्टिविस्ट का कहना है कि, इनके प्रोग्राम की ओट में मुस्लिम महिलाओं के साथ बलात्कार किए जाते हैं। इसमें हान चीनी पुरुषों को शिनजियांग के पश्चिमी क्षेत्र में उइगर महिलाओं के साथ रहने के लिए भेजा जाता है।
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ये चीनी सैनिक मुस्लिम महिलाओं के साथ सोते हैं, बलात्कार करते हैं और कुछ जबरन शादी भी कर लेते हैं। जबकि इन पीड़ित महिलाओं के पतियों को जेल में डाला हुआ होता है।
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2017 में पहली बार शुरू किए गए इस कार्यक्रम में रेडियो फ्री एशिया द्वारा अक्टूबर की एक रिपोर्ट में चर्चा की गई थी। दो अनाम चीनी अधिकारियों का हवाला दिया गया था। रिपोर्ट में एक भयावह कार्यक्रम की को विस्तार से बताया गया था कि कैसे कई चीनी पुरुष मुस्लिम महिलाओं के साथ एक बी बिस्तर पर सोते थे।
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"कहा जाता था कि, इस कार्यक्रम में महिलाओं के साथ चीनी पुरूष रिश्तेदार बनकर सोते थे जबकि वे उनके परिवार का हिस्सा भी नहीं है। ये कितना शर्मनाक है।
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उशनूर के एक कार्यकर्ता, रुसन अब्बास के परिवार के सदस्य को भी डिटेंशन सेंटर में डाला गया था। अब्बास ने ऑस्ट्रेलियाई समाचार को बताया कि ये कार्यक्रम उइगर महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार करने जैसे हैं।
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uighuruighurउन्होंने कहा कि ये महिलाएं चीनी सैनिकों का विरोध भी नहीं कर पाती हैं क्योंकि उनके पति जेल में हैं या सरकार के कब्जे में हैं। यहां मुस्लिम लड़कियों के पास चीनी आदमियों से शादी करने के लिए अलावा कोई चारा नहीं है।