रूस ने निभाई भारत से दोस्ती, चीन को दिया सबसे बड़ा झटका, रोकी एस-400 डिफेंस सिस्टम की डिलिवरी

बीजिंग. अमेरिका और भारत से चल रहे विवाद के बीच रूस ने चीन को बहुत बड़ा झटका दिया है। रूस ने चीन को एस-400 मिसाइल डिफेंस की डिलीवरी पर रोक लगा दी है। रूस के इस कदम से बौखलाए चीन ने इसे दबाव में उठाया गया फैसला बताया है। हालांकि, चीन ने किसी देश का नाम नहीं लिया है। हालांकि, उसका इशारा भारत और अमेरिका की ओर है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 27, 2020 5:14 AM IST / Updated: Jul 27 2020, 12:08 PM IST

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रूस ने निभाई भारत से दोस्ती, चीन को दिया सबसे बड़ा झटका, रोकी एस-400 डिफेंस सिस्टम की डिलिवरी

एस-400 दुनिया का सबसे अच्छा मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। अभी रूस के अलावा इसका इस्तेमाल सिर्फ चीन कर रहा है। चीन के पास इसकी कुछ यूनिट हैं। हालांकि, इसी साल भारत को भी इस सिस्टम की पहली खेप मिलने वाली है। 

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रूस ने नहीं बताया कि कब देगा ये हथियार
रूस ने ना सिर्फ एस-400 की डिलिवरी रोकी है। बल्कि चीन को यह भी नहीं बताया गया है कि उसे यह मिसाइल डिफेंस कब देगा। समाचार एजेंसी के मुताबिक, रूस ने चीन से कहा है कि वह एस 400 मिसाइल की डिलीवरी रोक रहा है। वहीं, चीन की मीडिया भी रूस के इस कदम से सरकार की ओलाचना कर रही है। चीनी मीडिया ने कहा, इस कदम से साफ होता है कि हथियार खरीद का समझौता करने से कुछ नहीं होता। 

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दबाव में लिया फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन का मानना है कि रूस ने यह फैसला दबाव में लिया है। चीन ने डिफेंस मिसाइल की ट्रेनिंग के लिए अपने सैनिकों को रूस भेजा था। जल्द ही रूस टेक्निकल एक्सपर्ट्स की टीम को चीन भेजने वाला था। वहीं, जिनपिंग सरकार के सूत्रों का कहना है कि रूस को लगता है कि है कि अगर वह इस समय डिलीवरी रोक देगा तो चीन की परेशानियां बढ़ेंगी। 

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चीन को झटका, भारत को भरोसा
भारत ने रूस से एस-400 सिस्टम खरीदने के लिए डील की है। इसके तहत भारत को यह सिस्टम इसी साल मिलना है। वहीं, चीन ने यह सिस्टम पहले ही खरीदने की डील की है। उसे 2018 में पहली खेप भी मिल चुकी है। लेकिन दोनों देशों के बीच विवाद के बीच रूस ने चीन की डिलीवरी रोक दी है, वहीं, भारत को वक्त पर मिसाइल देने का वादा किया है।  

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रूस और चीन के बीच आ रही खटास
वैसे रूस और चीन दोनों काफी अच्छे दोस्त माने जाते हैं। लेकिन कोरोना काल के बाद से दोनों के रिश्तों में खटास आई है। दरअसल, रूस ने पिछले दिनों सेंट पीटर्सबर्ग आर्कटिक सोशल साइंस एकेडमी के प्रेसिडेंट वेलेरी मिटको को गिरफ्तार किया था। वेलरी पर आरोप है कि उसने चीन को रूस की सैन्य जानकारियां दीं और बदले में पैसे लिए। वेलरी के अलावा 2 चीनी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है। 

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क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम?
इससे पहले एस 400 डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल सिर्फ रूस और चीन कर रहा है। रूस इस सिस्टम का इस्तेमाल 2007 से कर रहा है। वहीं, चीन ने इसे 2014 में गवर्मेंट टू गवर्मेंट डील के तहत खरीदा था।

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एस-400 मिसाइल सिस्टम भारतीय बेड़े में शामिल हो जाएगा। इससे भारतीय सेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। एस 400 मिसाइल सिस्टम पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म करने की क्षमता रखता है।

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एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। भारत ने रूस से 5.43 अरब डॉलर (करीब 39 हजार करोड़ रुपए) में इसके लिए डील की है। यह डिफेंस सिस्टम 400 किमी दायरे तक सक्रिय रहता है। इस दायरे में आने वाले किसी भी खतरे को तुरंत खत्म कर सकता है। इससे दुश्मन के लड़ाकू विमान हों या ड्रोन, या फिर मिसाइल यह सिस्टम देखते ही देखते उसे ढेर कर देगा।

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