कोरोना के बाद अब चीन से अमेरिका पहुंची ये खतरनाक बीमारी, मौत बनकर टूट सकता है इसका कहर

वॉशिंगटन.  कोरोना वायरस से जूझ रहे अमेरिका के लिए एक बुरी खबर है। चीन के बाद अब अमेरिका के कोलोराडो में ब्यूबोरिक प्लेग का मामला सामने आया है। यहां एक गिल्हरी इससे संक्रमित मिली है। अब अमेरिका के वैज्ञानिकों को डर सता रहा है कि कहीं कोरोना की तरह यह बीमारी भी तबाही ना मचा दे। ब्यूबोनिक प्लेग को ब्लैक डेथ भी कहा जाता है, यह बीमारी पहले भी करोड़ों लोगों की जान ले चुकी है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 15, 2020 9:03 AM IST / Updated: Jul 15 2020, 02:59 PM IST

112
कोरोना के बाद अब चीन से अमेरिका पहुंची ये खतरनाक बीमारी, मौत बनकर टूट सकता है इसका कहर

दरअसल, 10 दिन पहले चीन के आंतरिक मंगोलिया में ब्यूबोनिक प्लेग के संक्रमण का केस मिला था। इसलिए इन खबरों को भी बल मिल रहा है कि कहीं ये चीन से ही तो अमेरिका में नहीं पहुंचा।

212

अमेरिका के कोलोराडो के मॉरिसन में 11 जुलाई को गिलहरी प्लेग से संक्रमित मिली है। प्रशासन ने लोगों से अलर्ट रहने को कहा है। साथ ही चूहों, गिलहरियों और नेवलों से लोगों को दूर रहने के लिए कहा गया है। 

312

ब्यूबोनिक की मार दुनिया तीन बार झेल चुकी है। पहली बार इस बीमारी ने 5 करोड़ लोगों की जान ली थी। दूसरी बार यूरोप की एक तिहाई आबादी इसकी चपेट में आई थी। इस बीमारी की तीसरी लहर में 80 हजार लोगों की जान गई थी। 
 

412

यह बीमारी जंगली चूहों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया से फैलती है। चूहों में यर्सिनिया पेस्टिस बैक्टीरियम पाया जाता है। यह बैक्टीरिया शरीर के लिंफ नोड्स, खून और फेफड़ों पर हमला करता है। इसमें उंगलियां काली पड़कर सड़ने लगती हैं। नाक में भी ऐसे ही लक्षण दिखने लगते हैं। 

512

इसे गिल्टीवाला प्लेग भी कहते हैं। इसमें शरीर असहनीय दर्द , तेज बुखार, नाड़ी तेज चलने लगती है। इतना ही नहीं शरीर में गिल्टियां भी निकलने लगती हैं। 

612

यह बीमारी सबसे पहले जंगली चूहों को होती है। चूहों के मरने के बाद यह बैक्टीरिया पिस्सुओं के जरिए मानव शरीर में फैल जाता है। इसके बाद मनुष्य में प्लेग फैलने लगता है। 

712

दुनियाभर में ब्यूबोनिक प्लेग के 2010 से 2015 तक 3248 मामले सामने आए हैं। इससे करीब 584 लोगों की मौत हुई है। कॉन्गो, मौडगास्कर और पेरू में इसके अधिकतर मामले मिले हैं। 

812

1970 से 80 तक यह बीमारी चीन, भारत , रूस, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका में भी फैली है। 

912

ब्यूबोनिक प्लेग को 6वीं और 8वीं शताब्दी में प्लेग ऑफ जस्टिनियन नाम दिया गया ता। इस बीमारी से उस समय दुनियाभर में 2.5-5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। 

1012

ब्यूबोनिक  प्लेग का कहर दूसरी बार 1347 में आया था। उस वक्त इसे ब्लैक डेथ नाम दिया गया था। इससे यूरोप की लगभग एक तिहाई आबादी खत्म हो गई थी। 

1112

ब्यूबोनिक प्लेग तीसरी बार 1894 के बाद सामने आया। उस वक्त हॉन्गकॉन्ग के आस पास इसका खतरा बढ़ा था। इससे करीब 80 हजार लोगों की मौत हुई थी। 
 

1212

भारत में 1994 में ब्यूबोनिक के करीब 700 मामले सामने आए थे। इनमें से 52 लोगों की मौत हुई थी। 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos