चीन को फिर झटका देने की तैयारी, भारत के बाद इस देश के रडार पर टिकटॉक, लग सकता है बैन

Published : Jul 06, 2020, 12:53 PM ISTUpdated : Jul 06, 2020, 01:43 PM IST

मेलबर्न. पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारत के बाद एक और देश चीन को झटका देने की तैयारी में है। भारत के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में भी Tik Tok बैन करने की मांग उठ रही है। जनता की मांग को देखते हुए संसदीय कमेटी बैन पर विचार कर रही है। बीते कुछ हफ्तों से चीन के साथ चल रहे विवाद के चलते ऑस्ट्रेलिया यह कदम उठा सकता है। 

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चीन को फिर झटका देने की तैयारी, भारत के बाद इस देश के रडार पर टिकटॉक, लग सकता है बैन

भारत ने सुरक्षा कारणों के चलते टिक टॉक, यूसी ब्राउसर जैसी 59 ऐप्स को बैन किया था। अब ऑस्ट्रेलिया भी राष्ट्रीय सुरक्षा और यूजर्स के डेटा की सुरक्षा को देखते हुए टिक टॉक बैन कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया में 16 लाख से ज्यादा लोग टिकटॉक यूज करते हैं।
 

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ऑस्ट्रेलिया के एक सांसद ने टिकटॉक बैन करने की योजना भी शेयर की है। यहां कहा जा रहा है कि बाइटडांस कंपनी यूजर्स का डाटा चीनी सर्वर पर भी डाल सकती है। 

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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया के सांसद ने कहा, उनके देश में टिकटॉक रडार पर आ चुका है। उन्होंने कहा, टिकटॉक को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए डेटा इकट्ठा करने के टूल के तौर पर देखा जाना चाहिए। 

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मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, कई और सांसद भी टिकटॉक बैन कराने की मांग कर रहे हैं। 
 

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सीनेटर जेनी मैकएलिस्टर ने कहा, टिकटॉक कंपनी के अफसरों को जांच में सहयोग करना चाहिए। वहीं, ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटजिक पॉलिसी संस्थान के एक्सपर्ट फर्गस रयान ने कहा, टिकटॉक पूरी तरह से प्रोपेगेंडा और मास सर्विलांस के लिए है। इसमें चीन के खिलाफ दिए जाने वाले विचार सेंसर कर दिए जाते हैं।

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रयान ने कहा,  चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कई सदस्य कंपनी में हैं। ऐसे में सवाल ही नहीं उठता कि उनका डेटा पपर नियंत्रण नहीं है। 
 

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ऑस्टेलिया के लिबरल सांसद और इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी कमेटी के अध्यक्ष एन्ड्रू हैस्टी ने फरवरी में ही यह दावा किया था कि ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, चीन के इंटेलिजेंस कानून 2017 के मुताबिक, चीन की सरकार कभी भी कंपनियों को जानकारी शेयर करने के लिए भी कह सकती है। 

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