बुरी खबर: सूअर-मच्छर बने आफत, कोरोना के बाद चीन में पनपा नया वायरस, भारत को खतरा, ICMR की चेतावनी

Published : Sep 29, 2020, 04:29 PM ISTUpdated : Sep 29, 2020, 04:46 PM IST

नई दिल्ली. एक तरफ जहां भारत अभी कोरोना महामारी से ऊभर नहीं पाया है, वहीं दूसरी तरफ चीन के एक और वायरस से भारत को खतरा बताया जा रहा है। ये खतरा देश-दुनिया पर मंडराने लगा है। भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारत सरकार को चेतावनी दी है कि चीन का कैट क्यू वायरस (Cat Que Virus यानी CQV) भारत में दस्तक दे सकता है। 

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बुरी खबर: सूअर-मच्छर बने आफत, कोरोना के बाद चीन में पनपा नया वायरस, भारत को खतरा, ICMR की चेतावनी

इस वायरस को लेकर रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि यह इंसानों में बुखार की बीमारी  (Febrile Illnesses), मेनिंजाइटिस (Meningitis) और बच्चों में इन्सेफलाइटिस (Paediatric Encephalitis) की समस्या पैदा करेगा।

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आईसीएमआर (ICMR) के पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी के सात शोधकर्ताओं के हवाले से बताया जा रहा है कि चीन और वियतनाम में कैट क्यू वायरस की मजौदूगी का पता चला है। वहां, क्यूलेक्स मच्छरों और सूअरों में यह वायरस मिला है। 

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एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि भारत में भी क्यूलेक्स मच्छरों में कैट क्यू वायरस जैसा ही कुछ मिला है। संस्था ने कहा कि सीक्यूवी मूलतः सूअर में ही पाया जाता है और चीन के पालतू सूअरों में इस वायरस के खिलाफ पनपी ऐंटीबॉडीज में पाया गया है। इसका मतलब है कि कैट क्यू वायरस ने चीन में स्थानीय स्तर पर अपना प्रकोप फैलाना शुरू कर दिया है।

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मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने विभिन्न राज्यों में 883 लोगों से सैंपल लिए और दो में वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडीज पाए गए। जांच में पता चला कि दोनों लोग एक ही वक्त वायरस से संक्रमित हुए थे। 

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इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में जून महीने में प्रकाशित एक रिसर्च में कहा गया है, 'इंसानों के सीरम सैंपलों की जांच में ऐंटी-सीक्यूवी आईजीजी ऐंटीबॉडी का पाया जाना और मच्छरों में सीक्यूवी का रेप्लकेशन कपैबिलिटी से पता चलता है कि भारत में यह बीमारी फैलाने की क्षमता रखता है। 
 

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ऐसे में कहा जा रहा है कि इंसानों और सूअरों के और सीरम सैंपलों की जांच होनी चाहिए ताकि पता चल सके कि कहीं यह वायरस भारत के लोगों के बीच पहले से ही मौजूद तो नहीं है।' एक वैज्ञानिक के हवाले से बताया जा रहा है कि 'भारत के संदर्भ में आंकड़े बताते हैं कि कुछ मच्छर सीक्यूवी के लेकर संवेदनशील हैं। इस तरह मच्छर सीक्यूवी के संक्रमण का कारक बन सकते हैं।'
 

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