स्टडी के मुताबिक, जनवरी से मार्च के बीच वुहान के श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहे थे। वुहान में अस्पतालों का बुरा हाल हो गया था। वुहान में देशभर से 42,600 डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स भेजे गए थे। जबकि वहां 90 हजार पहले से मौजूद थे। जबकि वुहान में सिर्फ 50 हजार केस बताए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि जब सिर्फ 50 हजार केस थे तो इतने डॉक्टरों की जरूरत क्यों पढ़ीं ?