ब्राजील का सबसे बड़ा कब्रिस्तान, सिर्फ 6 मिनट में दफनाए जा रहे शव, मौत का दुख भी नहीं मना पा रहे परिजन

साओ पाउलो. दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में कोरोना का कहर जारी है। अब तक 82 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में हर देश कोरोना से निपटने के लिए अपने अपने स्तर पर कदम उठा रहा है। अमेरिका, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और जर्मनी की तरह ब्राजील में भी कोरोना का कहर है। ब्राजील में स्थिति भी बेकाबू होती जा रही है। ब्राजील में सबसे ज्यादा स्थिति साओ पाउलो में गंभीर है। यहां सरकार ने अगले 6 महीने में 1 लाख से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका जताई है। वहीं साओ पाउलो का कब्रिस्तान इस बात का गवाह है कि यहां की सरकार ने किस तरह कोरोना के खिलाफ अपने हथियार डाल दिए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 8, 2020 11:23 AM IST / Updated: Apr 08 2020, 05:38 PM IST

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ब्राजील का सबसे बड़ा कब्रिस्तान, सिर्फ 6 मिनट में दफनाए जा रहे शव, मौत का दुख भी नहीं मना पा रहे परिजन
इसी बीच ब्राजील के राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने हनुमान का जिक्र कर भारत से मदद मांगी है। उन्होंने राष्ट्रपति बोलसोनारो ने चिट्ठी में लिखा, जिस तरह भगवान राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए हनुमान संजीवनी लेकर आए थे, जिस तरह से ईसा मसीह ने बीमारों को ठीक किया, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ आकर इस संकट से निपट सकते हैं। कोरोना से जूझ रहे लोगों के भलाई के लिए दोनों देशों को काम करना चाहिए। इस मुश्किल घड़ी में अनुरोध स्वीकार करें। दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि ब्राजील मलेरिया की हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के लिए भारत से मदद मांग रहे हैं।
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साओ पाउलो के विला फॉर्मोसा में लैटिन अमेरिका का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है। इसमें जहां तक नजर जाती है, सिर्फ कब्रें ही नजर आती हैं। यहां नए नियमों के मुताबिक, सिर्फ 6 मिनट में लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, उन्हें ना उनके परिजनों से मिलने दिया जाता है और ना ही वे उन्हें छू सकते हैं।
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रॉयटर्स के मुताबिक, ओस्वाल्डो डॉस सैंटोस देख रहे हैं कि उनकी नजर के सामने कैसे कई लोग उनके बेटे की कब्र खोद रहे हैं। उन्हें इस बात का डर है कि कहीं वे भी कोरोना से संक्रमित तो नहीं हैं।
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ओस्वाल्डो अपने बेटे के साथ रहते थे। उसकी रविवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई। उसकी जांच रिपोर्ट भी नहीं आ पाई कि उसे कोरोना है या नहीं, उससे पहले ही उसकी जान चली गई।
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यह ब्राजील में आम चुका है। विला फॉर्मोसा के इस कब्रिस्तान में 15 लाख कब्रें बनाई जा सकती हैं। यहां लोगों को दफनाया जा रहा है, पता भी नहीं लग पा रहा है कि उन्हें कोरोना संक्रमण था भी या नहीं।
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साओ पाउलो में अंतिम संस्कार के लिए नए नियम बनाए गए हैं। इसके तहत सिर्फ 6 मिनट में शव का अंतिम संस्कार किया जाता है। अंतिम संस्कार में 10 से ज्यादा लोग भी शामिल नहीं हो सकते।
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वहीं, इस कब्रिस्तान में काम करने वाले लोगों का भी काम दोगुना हो गया है। यहां हर रोज करीब 60 लोगों को दफनाया जा रहा है। यहां काम करने वाले लोगों का कहना है कि सरकारी आंकड़ों से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है।
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यहां स्थिति यह है कि कब्रों की एक लाइन जो तीन महीने में भरती थी, वह 1 में भर रही है।
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कब्र खोदने वाले लोगों ने रॉयटर्स को बताया, मरने वालों की संख्या बढ़ जाएगी, अगर उनमें उन लोगों को शामिल किया जाए, जो कोरोना के टेस्ट के रिजल्ट आने से पहले ही मर गए।
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इनमें से एक ने बताया कि समाचार पत्रों में दिखने वाले आंकड़े बहुत गलत हैं। ये दोगुने या तीन गुना भी हो सकते हैं।
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ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी यह माना है कि टेस्ट में देरी के चलते कोरोना के कई मामलों की जानकारी भी नहीं है।
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कब्रिस्तान में इतनी तेजी से शव आ रहे हैं कि कब्र खोदने वालों को रिश्तेदारों से इंतजार करने के लिए कहना पड़ रहा है।
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दफन करने से लेकर फूल चढ़ाने तक अंतिम संस्कार में बस 6 मिनट लगते हैं। यहां की सरकार ने इस हफ्ते ही विशेष मामलों में बिना डेथ सर्टिफिकेट के ही अंतिम संस्कार की अनुमति भी दे दी है।
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ब्राजील में कोरोना का कहर अभी शुरू ही हुआ है। यहां अब तक 14 हजार केस सामने आए हैं, वहीं, 688 लोगों की मौत हुई है।
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विला फॉर्मोसा में जहां देखो वहां सिर्फ कब्रें ही नजर आती हैं। यह कब्रिस्तान 7.5 लाख स्क्वायर मीटर में फैला है। यहां करीब 15 लाख कब्रें बन सकती हैं।
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साओ पाउलो में 1.2 करोड़ आबादी है। लैटिन अमेरिका का यह क्षेत्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। अंतिम संस्कार के लिए यहां सरकार ने 22 कब्रिस्तानों के 220 अस्थाई कर्मचारियों को लगाया है।
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साओ पाउलो के इस कब्रिस्तान में पहले से 257 कर्मचारी हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर खुद आइसोलेशन में हैं। यहां हर महीने 6 हजार कॉफिन खरीदे जाते हैं, लेकिन मार्च के महीने में एक्सट्रा 8 हजार कॉफिन खरीदे गए हैं।
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यहां काम करने वाले कर्मचारी लगातार नई कब्रों को भी खोद रहे हैं।
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सैटेलाइट इमेज में कुछ इस तरह दिखता है यह कब्रिस्तान।
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