खुशखबरी: रूस और चीन की वैक्सीन हुई अप्रूव, जानें भारत में क्यों हो रही है देरी

नई दिल्ली. कोरोना वायरस का संक्रमण दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में इस पर रोकथाम पाने के लिए सैकड़ों देश वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। कई तो इसके टेस्टिंग की आखिरी स्टेज में पहुंच चुके हैं। वहीं, चीन और रूस दोनों ने ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) या अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं की परवाह किए बिना अपने वैक्सीन अप्रूव कर दिए हैं। रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि चीन ने कैनसिनो बायोलॉजिक्स के वैक्सीन को लिमिटेड इस्तेमाल के लिए अप्रूव किया है और चीनी मिलिट्री के लिए यह उपलब्ध है। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 13, 2020 11:02 AM IST

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खुशखबरी: रूस और चीन की वैक्सीन हुई अप्रूव, जानें भारत में क्यों हो रही है देरी

वहीं, रूस ने एक कदम आगे बढ़ते हुए गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैक्सीन को सबके लिए अप्रूव कर दिया है। दोनों वैक्सीन अभी फेज-3 की टेस्टिंग के दौर से गुजर रही हैं। अब तक पूरी तरह इफेक्टिव और सेफ भी साबित नहीं हुए हैं।

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को ऐलान किया कि गामालेया इंस्टीट्यूट ने रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर जो कोरोना वैक्सीन (Gam-Covid-Vac Lyo) बनाई है, उसे रजिस्टर कर लिया गया है। 

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रूस ने इस वैक्सीन को जनता के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। इसे दुनिया की पहली वैक्सीन के तौर पर पेश किया है। सितंबर से इसका उत्पादन शुरू होगा और अक्टूबर से आम लोगों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत होगी।

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इसके साथ ही रूसी वैक्सीन के सेफ और इफेक्टिव होने पर शक किया जा रहा है। इसकी वजह है इस वैक्सीन के ट्रायल्स से जुड़ा कोई भी डेटा सामने न होना। इससे यह स्पष्ट नहीं है कि कोई जांच हुई भी या नहीं। गामालेया इंस्टिट्यूट के प्रमुख एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि वैक्सीनेशन शुरू होगा और इस दौरान फेज-3 ट्रायल्स भी चलते रहेंगे। यूएई और फिलीपींस में भी फेज-3 ट्रायल्स शुरू करने की तैयारी है।

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भारत में कोरोना वैक्सीन अभी तक क्यों नहीं आ पाई और देरी क्यो हो रही है। इस पर आईसीएमआर के साथ मिलकर स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन बना रहे भारत बायोटेक इंटरनेशनल के चेयरमैन कृष्णा ऐल्ला ने कहा कि कंपनी टेस्ट को लेकर जल्दबाजी में नहीं है। ऐल्ला का कहना है कि उन पर वैक्सीन जल्दी बनाकर देने के लिए बहुत दबाव है। 
 

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लेकिन, सेफ्टी और क्वालिटी सबसे ऊपर है। कंपनी गलत वैक्सीन जारी कर लोगों की मौत की वजह नहीं बनना चाहती। कंपनी बेस्ट क्वालिटी की वैक्सीन बनाना चाहती है। उसे पूरा भरोसा है कि कोवैक्सीन एक इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है और ऐसे वैक्सीन का रिकॉर्ड अच्छा है और यह SARS-CoV-2 (कोरोनावायरस) के खिलाफ इफेक्टिव होगा।

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