पाक सरकार की नई जुगाड़, इमरान खान बोले- टिड्डी पकड़ो, मुर्गी पालने वालों को बेचो और करो कमाई

इस्लामाबाद. कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच टिड्डियों के हमले से न केवल पाकिस्तान बल्कि भारत के भी कई राज्य जूझ रहे हैं। हाल में ही पाकिस्तान से भारत में दाखिल हुए टिड्डियों ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में खड़ी फसलों को अपना निशाना बनाया है। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने आपदा में अवसर खोज लिया है। सरकार ने इससे कमाने का नया जुगाड़ खोजा है। सरकार ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि वे टिड्डियों को पकड़कर उन्हें सौंपे जिसका इस्तेमाल मुर्गियों के दानों के रूप में किया जाएगा। जिसकी रकम पकड़ने वालों को दी जाएगी। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 4, 2020 12:17 PM IST / Updated: Jun 04 2020, 06:06 PM IST

18
पाक सरकार की नई जुगाड़, इमरान खान बोले- टिड्डी पकड़ो, मुर्गी पालने वालों को बेचो और करो कमाई

पोल्टी फार्म के लिए बनेगा चारा
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह टिड्डियों को पकड़ने के लिए एक पायलट परियोजना का देशभर में विस्तार करना चाहते हैं। इसमें किसानों को टिड्डियों के बदले पैसे दिए जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि इस योजना से देश के कुछ सबसे गरीब हिस्सों में किसानों को बहुत अधिक आमदनी होगी। पकड़े गए टिड्डियों से पोल्टी फार्म के लिए प्रोटीन युक्त चारा बनाया जाएगा।

28

किसानों को 20 रुपये प्रति किलो का भुगतान
पाकिस्तान के सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा कि उन्होंने खाने के संकट से जूझ रही आबादी को टिड्डियों को पकड़कर बेचने की योजना को लागू किया। इस योजना को पहले पायलट प्रोजक्ट के तौर पर पंजाब प्रांत के ओकरा में लागू किया गया। जहां किसानों को 20 रुपये प्रति किलो का भुगतान किया गया।

38

टिड्डियों से पाक को भारी नुकसान
पाकिस्तान को इन टिड्डियों से भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा इनके हमलों से पूर्वी अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कई देशों में हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि टिड्डियों का नया दल ईरान और पश्चिम अफ्रीका में स्थित देशों पर हमला कर सकता है।

48

क्‍यों होता है टिड्डियों का हमला?
टिड्डी दल ओमान के रेगिस्‍तानों में भारी बारिश के बाद तैयार होते हैं। हिंद महासागर में भी साइक्‍लोन आने से रेगिस्‍तान में बारिश होने लगी है, इस वजह से भी टिड्डियां पैदा होती हैं। भारत में अप्रैल महीने के बीच टिड्डियों ने राजस्‍थान में एंट्री की थी। तब से वे पंजाब, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश और महाराष्‍ट्र तक फैल चुकी हैं।

58

कहां से आई हैं ये टिड्डियां?
2018 में आए साइक्‍लोन की वजह से ओमान के रेगिस्‍तान में टिड्डियों के लिए परफेक्‍ट ब्रीडिंग ग्राउंड बना। इसके बाद, टिड्डी दल यमन की ओर बढ़ा फिर सोमालिया और बाकी ईस्‍ट अफ्रीकी देश पहुंचा। दूसरी तरफ, ईरान, सऊदी अरब और यमन से एक और झुंड निकला। यही दल पाकिस्‍तान और भारत में घुसा है।

68

तेजी से बढ़ रही इनकी आबादी
रेगिस्‍तानी टिड्डियां 3 से 5 महीने तक जिंदा रहती हैं। यह थोड़ी गीली मिट्टी में अंडे देना पसंद करती हैं। अच्‍छी-खासी बारिश होने के बाद, टिड्डियां बड़ी तेजी से प्रजनन करती हैं। एक मीटर जमीन पर एक हजार अंडे तक बिछा दिए जाते हैं। अंड़ों से बाहर निकलने के बाद टिड्डियां आसपास की फसल चट करती हैं फिर खाने की तलाश में निकल जाती हैं। एक अनुमान है जून तक टिड्डियों की आबादी 500 गुना बढ़ जाएगी।

78

2 ग्राम की होती है एक टिड्डी
टिड्डी का वजन महज 2 ग्राम है। टिड्डियां इतना खाती भी इतना ही है। लेकिन, जब यही टिड्डी लाखों-करोड़ों की तादाद में झुंड बनाकर हमला कर दे, तो चंद मिनटों में ही पूरी की पूरी फसल बर्बाद कर सकती है। फसलों को बर्बाद करने वाली टिड्डों की ये प्रजाति रेगिस्तानी होती है, जो सुनसान इलाकों में पाई जाती है। टिड्डे एक दिन में 35 हजार लोग जितना खाना खाते हैं।

88

150 किमी की रफ्तार से उड़ सकते हैं टिड्डे
यूनाइटेड नेशन के अंतर्गत आने वाले फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) के मुताबिक, रेतीले इलाकों में पाई जाने वाली टिड्डियां सबसे खतरनाक होती हैं। ये 150 किमी की रफ्तार से उड़ सकती हैं। एक किमी के दायरे में फैले झुंड में 15 करोड़ से ज्यादा टिड्डियां हो सकती हैं। इन टिड्डियों का 1 किमी के दायरे में फैला झुंड एक दिन में 35 हजार लोगों का खाना चट कर जाती हैं।टिड्डियों का एक झुंड 1 किमी के दायरे से लेकर सैकड़ों किमी के दायरे तक फैला हुआ हो सकता है। यूएन की फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, टिड्डियों के झुंड में 15 करोड़ से ज्यादा टिड्डे-टिड्डियां हो सकती हैं।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos