इमरजेंसी पर मानवाधिकार आयोग ने उठाया सवाल
श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग (HRCSL) ने आवश्यक वस्तुओं की निरंतर कमी को दूर करने की दिशा में सरकार की नाकामी के खिलाफ 3 मार्च को एक नियोजित विरोध अभियान के जवाब में देशव्यापी आपातकाल की घोषणा पर सवाल उठाया है, जिसमें भोजन, दवा और ईंधन महंगा होने की बात कही गई है। कार्यवाहक निदेशक अनुसंधान और निगरानी निहाल चंद्रसिरी ने मीडिया संस्थान द आइलैंड से कहा कि HRCS का मानना है कि इमरजेंसी का ऐलान पर्याप्त स्पष्टीकरण दिए बिना किया गया। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को क्या खतरा है। HRCSL में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रोहिणी मरासिंघे, वेन के अलावा कालूपहाना प्रियरत्न थेरा, डॉ. एम.एच. निमल करुणासिरी, डॉ. विजेता नानायकारा और सुश्री अनुसूया षणमुगनाथन शामिल हैं।