कोरोना का असरः ठीक होने के बाद भी सामान्य नहीं हो सकेंगे मरीज, महीनों रहेगी थकान और सांस लेने में तकलीफ

Published : Jun 02, 2020, 09:13 AM IST

लंदन. दुनिया भर में कोरोना का संकट जारी है। वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कई देश रिसर्च कर रहे हैं। इसके साथ ही वैक्सीन तैयार करने को लेकर भी वैज्ञानिकों की टीम दिन रात रिसर्च कर रही है। इन सब के बीच ब्रिटेन की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य एजेंसी नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने कोरोना मरीजों के लिए अलर्ट जारी किया है। अलर्ट में कहा गया है,  कोरोना के मरीजों में कई महीनों तक अधिक थकान और सांस लेने की तकलीफ रह सकती है। 

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कोरोना का असरः ठीक होने के बाद भी सामान्य नहीं हो सकेंगे मरीज, महीनों रहेगी थकान और सांस लेने में तकलीफ

एनएचएस के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का असर शरीर पर लम्बे समय तक रह सकता है। कोरोना से उबरने के बाद शरीर पर इसका बुरा असर कब तक रहेगा, फिलहाल इस पर रिसर्च की जा रही है। 

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'कोरोना को हराने के बाद भी नहीं लौट सकेंगे समान्य जीवन में'
मई में एनएचएस के वैज्ञानिकों ने कोरोना के गंभीर लक्षणों पर चर्चा की थी जिसमें स्ट्रोक, किडनी डिसीज और अंगों की घटती कार्यक्षमता पर बैठक चली थी। बैठक में एनएचएस के वैज्ञानिकों का कहना था कि कोरोना के उबरने वाले ऐसे मरीजों की संख्या अधिक होगी जो वापस सामान्य जीवन में नहीं लौट सकेंगे।

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लोगों की मदद के लिए देश में लागू होगा मॉडल 
खासतौर पर कोरोना पीड़ितों के लिए बनाए गए एनएचएस हॉस्पिटल में पिछले सप्ताह, ऐसे मरीज रिकवर हुए जो इलाज के बाद लम्बे समय से कोरोना के असर से जूझ रहे थे। एजेंसी का कहना है, यही मॉडल देश में अब कोरोना से उबरने वाले मरीजों के लिए अपनाया जाएगा ताकि उनकी मेंटल डिसऑर्डर, सांस लेने में तकलीफ और हृदय रोगों के कॉम्पिकेशन से लड़ने में मदद की जा सके। 

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'हमारा देश महामारी के चरम स्थिति से गुजर रहा है'
एनएचएस ने पिछले हफ्ते एक अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि जिन लोगों के शरीर में किसी तरह का डैमेज हुआ है उन्हें रिकवर करने में हम मदद करेंगे।  एनएचएस के चीफ एग्जीक्यूटिव सिमोन स्टीवेंस का कहना है, हमारा देश महामारी की चरम स्थिति से गुजर रहा है, अब हमें इससे उबरने के बाद दिखने वाले परिणामों से बचाव के तरीकों पर काम करने की जरूरत है।

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पड़ेगी सायकोलॉजिकल ट्रीटमेंट की जरूरत 
सिमोन स्टीवेंस के मुताबिक, कोरोना से उबरने वाले मरीजों को ट्रैकियोस्टॉमी वाउंड, हृदय और फेफड़ों के डैमेज रिपेयर करने वाली थैरेपी, मसल और सायकोलॉजिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है।
वहीं, कुछ ऐसे मरीज भी हो सकते हैं जिन्हें सोशल सपोर्ट की जरूरत होगी। इसके लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है।

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ब्रिटेन में कोरोना का हाल 
ब्रिटेन में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2 लाख 76 हजार 332 हो गई है। जबकि अब तक 39 हजार 45 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि ब्रिटेन सरकार ने अभी तक ठीक हो चुके मरीजों की संख्या नहीं जारी की है। यहां पिछले 24 घंटे में 1 हजार से अधिक केस आए हैं, जबकि 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है। ब्रिटेन में सरकार ने लॉकडाउन में ढील देना शुरू कर दिया है। यहां प्राइमरी स्कूलों को खोल दिया गया है। 

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