Siberia Coal Mine blast: जहां खदान में हुआ हादसा, वहां 50 करोड़ साल पहले पृथ्वी की 90% नस्लें खत्म हो गई थीं

Published : Nov 26, 2021, 11:22 AM IST

साइबेरिया((Siberia). रूस (Russia) के साइबेरिया (Siberia) में वहां के समयानुसार 25 नवंबर की सुबह एक कोयला खदान (coalmine) में ब्लास्ट के बाद लगी भीषण आग में 52 जलकर मर गए। साइबेरिया वो जगह है, जो जीवन के लिए आज से नहीं, 50 करोड़ वर्ष पहले से खतरनाक रही है। साइबेरिया दुनिया का सबसे ठंडा क्षेत्र भी है। यहां सिर्फ एक महीने गर्मी होती है, वो भी उत्तरी साइबेरिया में। साइबेरिया की पूरी आबादी दक्षिण भाग में निवास करती है। साइबेरिया के एक प्रशासनिक विभाग का नाम साखा गणतंत्र है। इसके शहर ओय्म्याकोन में तापमान −71.2°सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है। इसे दुनिया का सबसे ठंडा शहर माना जाता है। साइबेरिया में मानव सभ्यता के अंश 40000 साल पुराने हैं। आइए जानते हैं खदान हादसे के साथ साइबेरिया के बारे में...

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Siberia Coal Mine blast: जहां खदान में हुआ हादसा, वहां 50 करोड़ साल पहले पृथ्वी की 90% नस्लें खत्म हो गई थीं

हादसा साइबेरिया के केमेरोवा क्षेत्र(Kemerovo region) की लिस्टवियाजनाया(Listvyazhnaya) खदान(mine) में हुआ। खदान में मीथेन गैस के रिसाव से आग लगी और फिर ब्लास्ट हुए।

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लिस्टवियाजनाया(Listvyazhnaya) खदान का स्वामित्व SDS-Ugol के पास है, जो रूस के शीर्ष तीन कोयला उत्पादकों में से एक है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खदान हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने घायलों को हर संभव मदद देने का आदेश दिया है। रूस की जांच समिति ने सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में जांच शुरू कर दी है।

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केमेरोवा क्षेत्र(Kemerovo region) की खदान(mine) के सीनियर मैनेजरों को नियमों के उल्लंघन मामले में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि केमेरोवा रूस की एक बड़ी कोयला खदान है। रूस की न्यूज एजेंसियों के अनुसार हादसे में 52 लोगों की मौत हुई है। इनमें खनिक(miners) और 6 बचावकर्मी(rescuers) भी शामिल हैं।

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राज्य समाचार एजेंसी(TASS) के अनुसार खदान में कोई जीवित नहीं बचा है। यहां के गवर्नर सर्गेई सिविलेव (Sergei Tsivilev)  ने टेलिग्राम चैनल(Telegram channel) पर लिखा कि मॉस्को से 3600 किमी पूर्व में बेलोवो शहर( Belovo) के पास लिस्टवियाजनाया(Listvyazhnaya) कोयला खदान (coal mine) में गुरुवार तड़के(25 नवंबर) उस वक्त धुआं भर गया था, जब अंदर 285 लोग मौजूद थे।

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इमरजेंसी सर्विस ने इंटरफैक्स(Interfax) को बताया कि मॉस्को के समयानुसार सुबह करीब 4.30 बजे हुए विस्फोट के बाद 239 श्रमिकों को बाहर निकाला गया। बाद में हाई मीथेन( methane) सांद्रता(concentrations) यानी रिसाव और एक और ब्लास्ट के बाद रेस्क्यू को बंद कर दिया गया।

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जांच समिति ने कहा कि 47 वर्षीय खदान निदेशक, 59 वर्षीय प्रथम उप निदेशक और 36 वर्षीय साइट प्रबंधक को मामले के तहत हिरासत में लिया गया है. अगर आरोप लगाया जाता है, तो उन्हें सात साल तक की जेल का सामना करना पड़ता है।

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साइबेरिया (Siberia)एक विशाल भूक्षेत्र है, जिसमें समूचा उत्तर एशिया समाया हुआ है। यह रूस का मध्य और पूर्वी भाग है। सन् 1991 तक यह सोवियत संघ का भाग हुआ करता था। साइबेरिया का क्षेत्रफल 131 लाख वर्ग किमी है। यानी साइबेरिया भारत से क़रीब चार गुना है। लेकिन यहां मौसम इतना खराब रहता है कि सिर्फ 4 करोड़ लोग रहते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, करीब 25 से 50 करोड़ वर्ष पहले (पृथ्वी पर मनुष्यों के आने से पहले) साइबेरिया में भयंकर ज्वालामुखीय विस्फोट हुए थे, जो क़रीब 10 लाख साल तक चलते होते रहे। इनकी वजह से पृथ्वी पर मौजूद 90% जीवों की नस्लें मारी गई थीं। साइबेरिया के पठार की ज़मीन इन्हीं विस्फोटों में उगले गए लावा से बनी हुई हैं।

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