राह चलते लोगों की हो रही थी मौत, 1 दिन के मासूम से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक...कोरोना ने किसी को नहीं छोड़ा
बीजिंग. चीन में महामारी के तौर पर फैले कोरोना वायरस से अब तक 1631 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 67,535 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक, शुक्रवार को सिर्फ हुबेई प्रांत में 2420 नए संक्रमित मामले पाए गए। पिछले 24 घंटे में चीन में 143 लोगों की मौत हो गई। अकेले हुबेई प्रांत में 139 लोगों की मौत हुई। चीन के 31 प्रांत कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। हुबेई प्रांत में अब तक 54 हजार 406 मामलों की पुष्टि हुई है। हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमित होने वालों की संख्या में कमी बताई जा रही है। लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
एक समय चीन में कोरोना वायरस इस कदर खतरनाक हो चुका था कि वहां सड़कों पर लोगों के शव मिल रहे थे। राह चलते लोग अचानक गिर रहे थे और उनकी मौत हो जा रही थी। ऐसी तस्वीरें भी वहां से सामने आई थी। हालांकि, उसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। (फाइल फोट)
एक समय चीन में कोरोना वायरस इस कदर खतरनाक हो चुका था कि वहां सड़कों पर लोगों के शव मिल रहे थे। राह चलते लोग अचानक गिर रहे थे और उनकी मौत हो जा रही थी। ऐसी तस्वीरें भी वहां से सामने आई थी। हालांकि, उसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। (फाइल फोटो)
मृतकों और संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए गृह मंत्रालय ने नेपाल, भूटान और चीन के बॉर्डर पर तैनात आईटीबीपी और एसएसबी जवानों को ज्यादा सावधानी बरतने के लिए कहा है। मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि बॉर्डर चेकपॉइंट पर भी संदिग्धों की जांच के लिए एयरपोर्ट जैसी सुरक्षा रखें। वहीं, डीजीसीए ने एयरपोर्ट प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे चीन के अलावा जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले यात्रियों की भी जांच शुरू करें।
संक्रमण के मामलों में कमीः शुक्रवार को चीनी अधिकारी ने बताया कि हुबेई को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में कोरोनावायरस के मामलों में कमी आई है। हालांकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बताया कि वायरस की रोकथाम और निगरानी रखने के लिए बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कम्प्यूटिंग के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। संक्रमित मरीजों को दवाइयां और अन्य सुविधाओं की आपूर्ति के लिए अस्पतालों में रोबोट को तैनात किया गया है।
चीन को मदद की पेशकश कीः चीन से बाहर 580 नए मामले पाए गए हैं। फिलीपींस और हॉन्गकॉन्ग में एक-एक जबकि जापान में 80 साल की एक महिला संक्रमित पाई गईं। महामारी से निपटने के लिए चीन को 30 देशों और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मेडिकल संबंधी मदद दी। वहीं, टेक दिग्गज अलीबाबा ने भी इसकी दवा विकसित करने के लिए 1022 करोड़ रु. की मदद दी है।
डब्ल्यूएचओ अपनी टीम भेजेगा चीनः चीन में 1700 स्वास्थ्यकर्मी वायरस की चपेट में है। इनमें 6 स्वास्थकर्मियों की मौत हो गई। अस्पतालों में डॉक्टर बिना मास्क और सुरक्षा उपकरणों के बिना वहां दिन-रात जुटे हैं। वहीं, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उसकी टीम के पूरे सदस्य हफ्ते के अंत तक चीन पहुंच जाएंगे। एक टीम पहले ही पहुंच चुकी है। इस टीम में दुनियाभर के 10 विशेषज्ञ हैं। यह टीम बीमारी रोकने के उपाय खोजेगी।
चीन के वुहान के मीट मार्केट से इस खतरनाक वायरस की शुरुआत हुई थी। लेकिन अब इस वायरस ने दुनिया के कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया।
इन देशों में लोग प्रभावितः हुबेई में 44,653 लोग संक्रमित है जिसमें 1,113 लोगों की मौत हो गई है। हांगकांग में 509 लोग संक्रमित 1 की मौत, मास्को में 10 लोग संक्रमित, जापान- 203, सिंगापुर- 47, थाईलैंड-33, साउथ कोरिया-28, मलेशिया-18, ताइवान-18, वियतनाम 15, ऑस्ट्रेलिया-14, जर्मनी-14, यूनाइटेड स्टेट-13, फ्रांस-11, यूनाइटेड किंगडम-8, कनाडा-7, फिलिपिंस, इंडिया, इटली में 3, रूस और स्पेन में 2, बेलजियम,नेपाल श्रीलंका, कंबोडिया, स्वीडन, फीनलैंड में 1 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित है।
क्या है कोरोना वायरसः एक वायरस का ऐसा समूह है जो पक्षियों, स्तनधारी पशुओं और इंसानों में कई तरह की बीमारियां पैदा कर सकता है। इसका नाम कोरोना वायरस इसलिए रखा गया, क्योंकि इसको इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर इसकी सतह कुछ ऐसी दिखाई देती है जैसा कि हमारे सूर्य के चारों तरफ का चमकदार कोरोना हो।
ऐसा नहीं है कि इस वायरस के समूह को अभी खोजा गया है, बल्कि हमें इसके बारे में बहुत पहले से पता है। इस समूह के कुछ वायरस बहुत ज्यादा हानिकारक नहीं हैं। बहुत बार मौसम बदलते समय जो हमें जुखाम, नाक बहना, गला खराब होना या बुखार, इस तरह की छोटी-मोटी दिक्कतें आती हैं उनमें से बहुत-सी इसी वायरस की वजह से हो सकती हैं। लेकिन कुछ कोरोना वायरस बड़े घातक हैं और उनके संक्रमण से इंसान की मृत्यु तक हो सकती है।