'कोरोना' की मार से बचाएगा ये पहला नक्शा, सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड का है बना

नई दिल्ली. सूर्य का बना नक्शा लोगों को 'कोरोना' (कोरोनल) से बचाएगा। वैज्ञानिकों के अनुसार बताया जा रहा है कि इसे पूरा सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड से बनाया गया है। इसकी सफलता के बारे में कहा जा रहा है कि अब सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड की सटीक जानकारी मिल सकेगी। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2020 9:38 AM IST / Updated: Aug 27 2020, 03:35 PM IST

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'कोरोना' की मार से बचाएगा ये पहला नक्शा, सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड का है बना

इसके साथ ही कोरोना यानी सूर्य के बाहरी परत से निकलने वाली घातक किरणों से बचने में मदद मिलेगी। कोरोना से आने वाले सौर तूफान और रेडिएशन की सही मात्रा मापकर धरती और उसके चारों तरफ फैले संचार के तरंगों को बचाने में मदद मिलेगी।

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सूर्य की बाहरी परत यानी कोरोना में होने वाले बदलावों के कारण पैदा होने वाले सोलर रेडिएशन और विस्फोटों से धरती को पहुंचने वाले नुकसान का अंदाजा अब पहले ही हो जाएगा। अलग-अलग देशों के वैज्ञानिकों ने नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जरवेटरी में सूर्य के कोरोना से निकलने वाले मैग्नेटिक फील्ड का पूरा नक्शा बनाया है। 
 

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सूर्य के चारों ओर की मैग्नेटिक फील्ड के 35 हजार किलोमीटर से लेकर 2.50 लाख किलोमीटर तक के दायरे की प्रभावी मैपिंग की जा सकेगी। द साइंस जर्नल में 7 अगस्त को यह रिपोर्ट छापी गई थी। नासा के वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह नक्शा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि आजकल ज्यादातर काम सैटेलाइट आधारित प्रणाली पर करते हैं। 

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जैसे- मोबाइल, टीवी, जीपीएस, डिफेंस, कृषि और यातायात. कोरोना में होने वाली हलचलों से जो रेडिएशन निकलता है उससे कई बार इनमें बाधा आती है। ये रोका जा सकेगा। साथ ही अंतरिक्ष में काम कर रहे हमारे एस्ट्रोनॉट्स को रेडिएशन से बचाने में मदद मिलेगी।

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असल में सूर्य की बाहरी परत यानी कोरोना प्लाज्मा की तरह ही एक लिजलिजी परत होती है। इसमें इलेक्ट्रॉन्स की सघनता कम या अधिक होने पर सूर्य पर बड़े-बड़े धमाके होते हैं। इन धमाकों की वजह से निकलने वाले सौर तूफान भारी मात्रा में रेडिएशन लेकर धरती की ओर बढ़ते हैं। 

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सिर्फ धरती ही नहीं बल्कि सूर्य से निकलने वाला रेडिएशन पूरे सौर मंडल के मैग्नेटिक फील्ड को हिलाकर रख देता है। साल 1989 में कनाडा के क्यूबेक में जो ब्लैक आउट हुआ था, वो सूर्य में हुए विस्फोट के कारण निकले रेडिएशन और सौर तूफान की वजह से हुआ था। 

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इन्हीं विस्फोटों की वजह से क्यूबेक के सारे इलेक्ट्रिक ग्रिड और बड़े-बड़े ट्रांसफॉर्मर्स जल गए थे। इसलिए, तब से लेकर अब तक वैज्ञानिक सौर तूफानों और रेडिएशन से बचने और उनके आने के पूर्वानुमान को पुख्ता करने में लगे हुए थे।

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