ट्रम्प ने कहा- कोरोना वायरस चीन की भयानक गलतियों का नतीजा, अब उसे छिपा रहा

Published : May 04, 2020, 05:15 PM IST

वॉशिंगटन. कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, महामारी का सबसे ज्यादा संकट झेल रहे अमेरिका ने कोरोना वायरस के एक बार फिर चीन को जिम्मेदार ठहाराया है। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्रम्प ने कहा कि कोरोना वायरस चीन की भयानक गलतियों का नतीजा है। अब वह उसे छिपाने की कोशिश कर रहा है। इतना ही नहीं ट्रम्प ने ये भी कहा कि इसके काफी सबूत है कि चीन ने दुनिया को भ्रमित किया और कोरोना वायरस के बारे में सही जानकारी नहीं दी। इतना ही नहीं चीन अभी भी अपनी गलतियां स्वीकार नहीं करना चाहता। 

PREV
113
ट्रम्प ने कहा- कोरोना वायरस चीन की भयानक गलतियों का नतीजा, अब उसे छिपा रहा

यह पहला मौका नहीं है, जब अमेरिका ने खुले तौर पर चीन पर कोरोना वायरस को फैलाने का आरोप लगाया हो। इससे पहले ट्रम्प ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने वे सबूत देखें हैं, जिनसे ये पता चलता है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान की लैब से पूरी दुनिया में फैला।

213

ट्रम्प ने यह भी कहा था कि अभी इस मामले में जांच चल रही है। ऐसी कई बातें सामने आना अभी बाकी हैं, जिनके लिए चीन को जवाब देना होगा। 
 

313

इतना ही नहीं ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं कि चीन की जिनपिंग सरकार ने किस तरह दुनिया को कोरोना वायरस को लेकर भ्रमित किया।

413

ट्रम्प का यह बयान डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद आया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि चीन ने जानबूझकर कोरोना के संक्रमण की बात जनवरी में छिपाई ताकि मास्क और पीपीई किट की जमाखोरी कर सके। 

513

ट्रम्प ने पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, इस बात के काफी अधिक सबूत हैं कि चीन की वजह से कोरोना वायरस दुनियाभर में फैला। 

613

इससे पहले अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड की खुफिया एजेंसियों से बनी संयुक्त 'फाइव आईस' की रिपोर्ट सामने आई थी, इसमें चीन के काले कारनामों को उजागर किया गया है।
 

713

इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना को लेकर चीन ने झूठ बोला है कि यह इंसानों से इंसानों में नहीं फैलता। इसके अलावा चीन ने विसिल ब्लोअर्स को गायब कराया। साथ ही देशों को कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में मदद करने से भी इंकार कर दिया।

813

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की सरकार ने अपने आलोचकों का मुंह बंद करा दिया, जिन्होंने कोरोना वायरस और हेल्थ सेवाओं के बारे में इंटरनेट पर कोई खुलासा किया। खुफिया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि चीन सरकार ने किस तरह से कोरोना वायरस के निकलने के सारे सबूतों को लैब और वुहान के मीट मार्केट से खत्म कर दिया है।

913

रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ों की रिसर्च करने वाले चीनी रिसर्चर ने दावा किया था कि कोरोना वायरस 2013 के वायरस से 96% तक मिलता है। इस वायरस के बारे में कहा गया था कि यह चमगादड़ों से मनुष्य में फैल सकती है। लेकिन इस बात को लेकर चीनी अधिकारियों से चुप्पी साध ली। साथ ही चीन ने दिसंबर से ही इस वायरस से संबंधित इंटरनेट पर किसी भी सर्च पर रोक लगानी शुरू कर दी।

1013

इससे पहले अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी में काम करने वाली एक इंटर्न से गलती से लीक हुआ था। इस रिपोर्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी प्रतिक्रिया दी थी।

1113

ट्रम्प ने इस मामले की जांच कराने की बात कही थी। चैनल ने दावा किया था कि जिस इंटर्न की गलती से यह वायरस फैला, उससे वह भी संक्रमित हो गई थी। इसके बाद उसका ब्वॉयफ्रेंड संक्रमित हुआ। बाद में यह फैलता चला गया।

1213

इससे पहले डेली मेल ने खुलासा किया था, चीन के वुहान में स्थित जिस लैब से कोरोना फैलने की बात कही जा रही है, उसमें अमेरिकी सरकार द्वारा दी गई आर्थिक मदद से चीन की गुफाओं से निकाले गए चमगादड़ों पर रिसर्च चल रही थी।

1313

हालांकि, वुहान इंस्टिट्यूट अपने ऊपर लगे ऐसे आरोपों को हमेशा से नकारता रहा है। इस इंस्टिट्यूट को चीनी सरकार ने 2003 के बाद बनाया था। तब चीन में सार्स वायरस फैला था। सार्स कोरोना का ही एक वायरस था जिसने 775 लोगों की जान ली थी। दुनियाभर में 8 हजार लोग उससे संक्रमित हुए थे।

Recommended Stories