ट्रम्प का चीन पर बड़ा आरोप, बोले- कोरोना वायरस वुहान की लैब से फैला, मेरे पास इसके सबूत

वॉशिंगटन. कोरोना वायरस से दुनिया में हाहाकार मचा है। अब तक 2.38 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। 30 लाख लोग संक्रमित हैं। अमेरिका कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 10 लाख लोग संक्रमित हुए हैं। जबकि, 63861 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के वुहान से दिसंबर में कोरोना का पहला मामला सामने आया था, ऐसे में चीन पर कोरोना को लेकर गंभीर आरोप भी लग रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में वायरोलॉजी लैब से निकला है। 

Asianet News Hindi | Published : May 1, 2020 9:29 AM IST / Updated: May 01 2020, 03:01 PM IST
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ट्रम्प का चीन पर बड़ा आरोप, बोले- कोरोना वायरस वुहान की लैब से फैला, मेरे पास इसके सबूत

यह पहला मौका नहीं है, जब ट्रम्प ने चीन पर ये आरोप लगाए हों। इससे पहले भी वे कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। गुरुवार को ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों के सवाल पर कहा, मेरे पास सबूत हैं कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से ही फैला। 

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हालांकि, ट्रम्प ने सबूत को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, इस मामले में जांच चल रही है और यह जल्द ही पूरी हो जाएगी। 

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ट्रम्प ने कहा, मैं यह नहीं कहना चाहता। लेकिन निश्चित तौर पर कोरोना चीन से बाहर आया। इसे रोका जा सकता था। काश इसे रोका गया होता। उन्होंने कहा, शायद यह वुहान तक ही रुक जाता। या इसमें चीन भी शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा, चीन इसे रोक नहीं सकता था या फिर इसे रोकना नहीं चाहता था। अब पूरी दुनिया इसका परिणाम भुगत रहा है। 

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ट्रम्प ने कहा, चीन ने इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा, चीन को विमानों की आवाजाही को रोकना चाहिए था। उनसे कोरोना वायरस फैलने से नहीं रुक सका। ट्रम्प ने कहा कि हमारे पास भविष्य में चीन को जवाब देने में बहुत कुछ होगा और इससे आगे बहुत कुछ तय होगा। इसके अलावा उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वे चीन पर 1 ट्रिलियन डॉलर का जुर्माना भी ठोक सकते हैं।

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यह पहला मौका नहीं जब चीन पर कोरोना फैलाने के आरोप लगे हों। इससे पहले अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी में काम करने वाली एक इंटर्न से गलती से लीक हुआ था। इस रिपोर्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी प्रतिक्रिया दी थी।

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ट्रम्प ने इस मामले की जांच कराने की बात कही थी। चैनल ने दावा किया था कि जिस इंटर्न की गलती से यह वायरस फैला, उससे वह भी संक्रमित हो गई थी। इसके बाद उसका ब्वॉयफ्रेंड संक्रमित हुआ। बाद में यह फैलता चला गया।

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इससे पहले डेली मेल ने खुलासा किया था, चीन के वुहान में स्थित जिस लैब से कोरोना फैलने की बात कही जा रही है, उसमें अमेरिकी सरकार द्वारा दी गई आर्थिक मदद से चीन की गुफाओं से निकाले गए चमगादड़ों पर रिसर्च चल रही थी।

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रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी में 1000 मील दूर यूंनान की गुफाओं से लाए गए चमगादड़ों पर रिसर्च चल रही थी। इस रिसर्च के लिए अमेरिकी सरकार से 10 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद भी मिली थी।

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वुहान में यह लैब मांस मार्केट के पास है। इस लैब पर पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि यहीं से कोरोना वायरस निकला। पहले यह वायरस यूंनान की गुफाओं के चमगादड़ों में ही पाया गया था। बाद में ऐसा कहा गया कि वुहान के मांस मार्केट से यह जानवरों से इंसानों में पहुंचा।

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डेली मेल के मुताबिक, लैब में कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे यह पता चलता है कि उस लैब में चमगादड़ों पर प्रयोग चल रहे थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट में पहले भी कहा जा चुका है कि यह वायरस किसी लैब से निकला है।
 

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हालांकि, वुहान इंस्टिट्यूट अपने ऊपर लगे ऐसे आरोपों को हमेशा से नकारता रहा है। इस इंस्टिट्यूट को चीनी सरकार ने 2003 के बाद बनाया था। तब चीन में सार्स वायरस फैला था। सार्स कोरोना का ही एक वायरस था जिसने 775 लोगों की जान ली थी। दुनियाभर में 8 हजार लोग उससे संक्रमित हुए थे।

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इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि वुहान की लैब में चमगादड़ों पर प्रयोग चल रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, लैब का एक वैज्ञानिक भी संक्रमित हो गया था। इसके बाद यह अन्य लोगों में फैला।

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चीन पर मौत के आंकड़े छिपाने का भी आरोप: इससे पहले चीन ने अचानक वुहान में मरने वालों की संख्या 50% बढ़ा दी थी। यहां मरने वालों की संख्या में 1290 नए नाम जोड़े गए थे।

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इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी चीन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि कई देश मौत की संख्या छिपा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि कई देशों के मौत के आंकड़ों पर यकीन कर पाना मुश्किल है।

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उन्होंने कहा था कि अमेरिका में पूरी दुनिया की 20% मौतें हुईं, जबकि अमेरिका की आबादी पूरी दुनिया में सिर्फ चार फीसदी है

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में मीडिया से बात में कहा था, यह सोचना गलत है कि चीन ने कोरोना का मुकाबला अच्छे से किया, स्पष्ट रूप से वहां ऐसी चीजें हुई हैं, जिनके बारे में दुनिया को नहीं पता।

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