ओपी धनखड़ को कांग्रेस के कुलदीप वत्स ने भारी मतों से हराया। इससे पहले 2014 विधानसभा चुनाव में कुलदीप निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जाटलैंड के संग्राम में मिली हार से भाजपा में निराशा।
बादली. हरियाणा के राजनीति में जाट समुदाय के बगैर राजनीति पूरी नही होती। ओम प्रकाश धनखड़ इसी जाटलैंड के दमदार नेता है। 2014 के विधानसभा चुनाव में धनखड़ ने अपने विरोधी प्रत्याशी को 9 हजार से ज्यादा वोटों से मात दिया था। लेकिन इस बार भाजपा के प्रत्याशी धनखड़ को बादली सीट पर मुंह की खानी पड़ी। जहां उनको कांग्रेस के कुलदीप वत्स ने पटखनी दी। कुलदीप पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़े थे और धनखड़ से हार कर दुसरे स्थान पर रहे थे।
लेकिन इस बार पासा पलटा और कांग्रेस के कुलदीप वत्स ने ओपी धनखड़ को 11,245 मतों के भारी अंतर से हराया। ओम प्रकाश धनखड़ के कुल 34196 वोट मिले।
खट्टर सरकार में ताकतवर मंत्री
ओम प्रकाश धनखड़ को संघ के काफी करीबी माना जाता है। इसी कारण सरकार में उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। राज्य के खट्टर सरकार में जाट समुदाय का मजबूत चेहरा भी माना जाता है। उन्होने पीएम नरेंद्र के ड्रीम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। स्टैच्यू के निर्माण के लिए धातु संग्रह करने वाली टीम का सफल नेतृत्व धनखड़ ने ही किया था।
दो बार बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष
ओपी धनखड़ दो बार (2011-13 और 2013-2015) भारतीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे थे। 2014 लोकसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा के बेटे दीपेंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ लड़ा और हार कर दूसरे स्थान पर रहे।
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