
रोहतक, हरियाणा. कोरोना संक्रमण को रोकने देशभर में लॉकडाउन बढ़ाया गया है। ऐसा शुरू से ही देखने में आया है कि कुछ लोग लॉकडाउन को लेकर गंभीर नहीं दिखे। जैसे कोरोना संक्रमण कोई आम बीमारी हो। बीमारी को छुपाना, कोरोना वॉरियर्स पर हमला करना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना। जो लोग कोरोना संक्रमण को हल्के में ले रहे, यह तस्वीर उनके लिए सबक है। जिन पर बीतती है, दर्द वो ही समझ सकते हैं। इस महिला और उसके पति को कोरोना संक्रमण हो गया था। महिला ठीक होकर डिस्चार्ज हो गई है, लेकिन पति अभी भर्ती हैं। जब महिला हॉस्पिटल से जाने लगी, तो वो नर्स के पैर पड़ते हुए रो पड़ी। कहने लगी कि उनके पति को भी ठीक कर दो। यह भावुक करने वाली घटना रोहतक की है।
बेटा रहता है दूर..
यह तस्वीर पीजीआई के बाहर की है। यहां ककराना गांव की रहने वालीं महिला को गुरुवार को दोपहर 2 बजे वार्ड-24 से डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला जब हॉस्पिटल से बाहर निकली, तो वो नर्स के पैर छूकर भावुक हो उठी। महिला का पति भी संक्रमित हुआ था। अभी उसका इलाज चल रहा है। महिला ने नर्स से कहा कि उनके लिए तो ये ही भगवान हैं। अब उनके पति को भी ठीक कर दें। उनके अलावा इसका दुनिया में कोई नहीं है। एक बेटा है, जो रेवाड़ी में रहता है। महिला ने बताया कि हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने उसका पूरा ख्याल रखा।
कैंसर पीड़ित हैं महिला का पति...
महिला का पति कैंसर से पीड़ित है। उसका पीजीआई में ही इलाज चल रहा है। महिला का इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होने से वो 7 दिन में ही ठीक हो गई। महिला ने बताया कि उसके पति का दिल्ली में इलाज चल रहा है। वो उन्हें लेकर दिल्ली जाती थी। 22 अप्रैल को दोनों के कोरोना संक्रमित होने का पता चला। कोविड 19 कंट्रोल रूम के प्रभारी डॉ. वरुण अरोड़ा ने बताया कि महिला ने समझदारी दिखाई। बताते हैं कि जैसे ही दिल्ली से लौटने पर महिला को पता चला कि वे संक्रमित हैं, तो गांव जाने के बजाय सीधे हॉस्पिटल आ गए। इसके अलावा किसी को अपने पास आने भी नहीं दिया।
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