
पानीपत, हरियाणा. जो लोग यह सोचते हैं कि नाम में क्या रखा है, उन्हें यह घटना पढ़नी चाहिए। इसके बाद निश्चय ही वे कहने लगेंगे कि नाम में भी बहुत कुछ रखा है। कभी-कभार एक-सा नाम बड़ी दिक्कत खड़ी कर देता है। ऐसा ही हरियाणा के पानीपत में सामने आया है। यहां पुष्पा नाम की दो महिलाएं पड़ोसी हैं। संयोग से दोनों के पति का नाम भी नरेश है। दोनों ने एक ही बैंक में जनधन खाता खुलवाया था। बैंक ने भी गलती से दोनों को एक ही अकाउंट नंबर दे दिया। यहां एक पुष्पा खाते में पैसों का इंतजार करती रही, जबकि दूसरी मजे से निकालती रही। इसमें दोनों महिलाओं की कोई गलती नहीं है। फिर भी एक-से नाम के कारण दूसरी पुष्पा को अब अपने पैसों के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
कैशियर तक पकड़ नहीं पाया गलती..
दोनों पुष्पा ने 2014 में तहसील कैंप के पंजाब नेशनल बैंक में अपना-अपना जनधन खाता खुलवाया था। दोनों महिलाएं वधवाराम कॉलोनी में रहती हैं। लॉकडाउन के दौरान जब केंद्र सरकार ने जनधन खाते में 500 रुपए जमा कराए, तो दोनों महिलाओं को खुशी हुई। लेकिन एक पुष्पा को तब बड़ी निराशा हुई, जब उनके अकाउंट में पैसा नहीं दिखा। वो सरकार को कोसनी लगी। कैशियर ने बताया कि पैसा तो वो निकालकर ले गई है। यह सुनकर पुष्पा का माथा ठनका। इनमें एक महिला हस्ताक्षर में अपना नाम पुष्पा लिखती है, जबकि दूसरी पूष्पा। लेकिन छोटी और बड़ी मात्रा की यह गलती कैशियर तक नहीं पकड़ पाया। यह मामला 5 महीने पहले सामने आ चुका था, लेकिन बैंक इसे अपनी गलती समझकर दबाए बैठा रहा। अब मामला उच्च अधिकारियों के पास पहुंचा है। शिकायत करने वाली पुष्पा ने बताया कि उसके खाते से दूसरी पुष्पा ने 9300 रुपए निकाले हैं।
मोबाइल नंबर बंद होने से पता तक नहीं चला
शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि उसने बैंक में अपनी ननद का मोबाइल नंबर दर्ज कराया था। लेकिन वो बंद हो गया। इससे उसके पास बैंक से कोई मैसेज नहीं आता था। इस दौरान उसने अपने खाते में कुछ रुपए भी जमा कराए थे। दूसरी पुष्पा उसे भी निकालकर ले गई।
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