ये 6 लक्षण बताते हैं कि आपकी इम्युनिटी है कमजोर, कोरोना से लड़ने के लिए ऐसे करें खुद को मजबूत

चीन में कोरोना हाहाकार मचा रखा है। भारत में भी इसका प्रकोप आने का अंदेशा जताया जा रहा है। इसलिए इसका मुकाबला करने के लिए इम्युनिटी का मजबूत होना जरूरी है। सबसे पहले  इन छह लक्षणों से पहचाने की आपकी इम्युनिटी कमजोर (weak immunity symptoms) तो नहीं है।

Nitu Kumari | Published : Dec 27, 2022 5:43 AM IST / Updated: Dec 27 2022, 12:09 PM IST

हेल्थ डेस्क. चीन में ओमिक्रॉन BF.7 ने तबाही मचाकर रखी हुई है। भारत में भी कोरोना को लेकर सतर्कता बरतने के लिए लोगों को सलाह दी जा रही हैं। अगर आपकी इम्युनिटी कमजोर है तो ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। लो इम्युनिटी होने के कई साइड इफेक्ट शरीर पर नजर आते हैं। आप अंदर से कितने कमजोर हैं इसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जिसे समझने की जरूरत है। वक्त रहकर इसकी पहचान होने पर आप इसे मजबूत करने की दिशा में काम कर सकते हैं। तो चलिए बताते हैं वो छह  लक्षण जिससे पता कर सकते हैं कि आपकी इम्युनिटी लेबल कमजोर है।

इम्युनिटी कमजोर होने के 6 संकेत

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बार-बार संक्रमण का होना

बार-बार अगर आप किसी संक्रमण की शिकार होते हैं, तो यह कमजोर इम्युनिटी के लक्षण है। अमेरिका एकेडमी ऑफ एलर्जी अस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी की  रिपोर्ट में बताया गया है कि एडल्ट में कमजोर इम्युनिटी के लक्षणों  में संक्रमण शामिल है। ये संक्रमण कई तरह के हो सकते हैं। पेट से लेकर गले तक या फिर घाव में फैले संक्रमण भी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के संकेत हैं।

बार-बार सर्दी होना

अगर आपको साल में दो या तीन बार सर्दी या जुकाम होता है। तो ये  सामान्य हैं। लेकिन अगर बार-बार आप इसके शिकार हो रहे हैं तो समझ लें कि आपकी इम्युनिटी कमजोर हैं। इसकी वजह से आपके शरीर में एंटीबॉडी विकसित नहीं हो रही है।

पेट की परेशानियां 
बार-बार दस्त, गैस या कब्ज होना भी कमजोर इम्युनिटी की निशानी हैं। स्टडी के मुताबिक 70 प्रतिशत इम्युनिटी प्रणाली आपके पाचन तंत्र में स्थित होती है। वहां रहने वाले गुड बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव आंत को संक्रमण से बताते हैं। लेकिन अगर इन गुड बैक्टीरिया की मात्रा कम हो तो फिर संक्रमण होता है। 

घाव का जल्द ठीक नहीं होना

जलने, कटने या फिर शरीर पर सामान्य अवस्था से निकला घाव जब जल्द ठीक नहीं होता है तो समझ लें कि आपकी इम्युनिटी कमजोर है। घाव होने पर त्वचा डैमेज कंट्रोल मोड में चली जाती है। आपका शरीर नई त्वचा को फिर से बनाने के लिए चोट के हिस्से में पोषक तत्वों से भरपूर ब्लड भेजती है जो घाव की रक्षा करती है। यह हेल्दी सेल्स पर निर्भर करती है। लेकिन अगर आपकी इम्युनिटी कमजोर है तो आपकी न्यू स्किन दोबारा तैयार होने में बहुत वक्त लगेगा। जिससे घाव जल्द ठीक नहीं होगा।

ज्यादा तनाव

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर आप लंबे वक्त से तनाव में हैं तो यह आपके इम्युनिटी पर असर डालता है। यानी उसे कमजोर करता है। तनाव शरीर के लिम्फोसाइट्स (lymphocytes) यानी सफेद रक्त कोशिकाओं को कम करता है जो संक्रमण में लड़ने में मदद करते हैं। आपका सफेद रक्त कोशिकाएं जितना कम होगा, उतना ही वायरस से संक्रमित होने का खतरा है। 

कान में बार-बार संक्रमण का होना

साल में अगर कान में संक्रमण चार बार होता है तो यह सामान्य हैं। लेकिन क्रोनिक साइनसिसिस से पीड़ित अगर बार-बार इससे पीड़ित होते हैं तो यह कमजोर इम्युनिटी के संकेत हैं।

बार-बार थकान का अनुभव

अच्छी नींद के बाद भी अंदर से आप थके हुए और कमजोर महसूस कर रहे हैं तो यह आपके कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली की तरफ संकेत करते हैं। अगर आप इन तमाम लक्षणों में से एक को भी महसूस करते हैं तो आपको अनपे इम्युनिटी पर कुछ अतिरिक्त फोकस करने की जरूरत है। इसके लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत है।

एक संतुलित लाइफस्टाइल की जरूरत

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