जो कोरोना से हो चुका है रिकवर, उनके लिए वैक्सीन की एक डोज ही काफी? जानिए क्या कहती है नई रिसर्च

भारत में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू है। अब तक इस संबंध में कोई स्टडी नहीं हुई है कि कोरोना से रिकवर हो चुके लोगों को वैक्सीन का एक डोज दी जाए।  डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही वैक्सीन का डोज लें।

Asianet News Hindi | Published : Apr 30, 2021 8:50 AM IST


हेल्थ डेस्क. कोरोना वायरस (coronavirus) के खिलाफ दुनिया के हर हर देश में वैक्सीनेशन (Vaccination) किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर पश्चिमी देशों में एक नई रिसर्च सामने आई है। रिसर्च के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हो गया है तो उसके लिए वैक्सीन (vaccine) की एक ही डोज काफी है। हालांकि ये दावा नहीं किया गया है कि वैक्सीन की एक ही डोज लेनी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही वैक्सीन का डोज लें। आइए, समझते हैं कि क्या है नई रिसर्च में।  

क्यों हुई ये स्टडी?
पूरी दुनिया कोरोना वायरस से प्रभावित है। ऐसे में हर देश में वैक्सीनेशन हो रहा है, कई देशोम में वैक्सीन की कमी हो गई है। कोरोना के फैलते ही इस बात की स्टडी की जा रही थी कि आखिर कोरोना से संक्रमित होकर लौट चुके मरीजे के शरीर में कितने दिनों में एंटी बॉडी बनती है। जब वैक्सीन लगनी शुरू हुई तो अमेरिका में स्टडी शुरू हुई। इसमें पता किया गया कि जो संक्रमित हुआ है और जो नहीं हुए हैं उन पर पहले और दूसरे डोज का कितना असर हुआ है। 

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नई स्टडी में क्या है?
पेन इंस्टीट्यूट ऑफ इम्युनोलॉजी की स्टडी के अनुसार, अमेरिका में कोरोना संक्रमण से रिकवर हुए लोगों में mRNA वैक्सीन की पहली डोज के बाद एंटीबॉडी का अच्छा रिस्पॉन्स दिखा लेकिन दूसरी डोज लेने वाले पर इम्युनिटी पर उतना अच्छा रिजल्ट नहीं मिला। वहीं, रिसर्चर्स का दावा है कि जिन्हें कोरोना इन्फेक्शन नहीं हुआ उनमें एंटीबॉडी रिस्पॉन्स दूसरा डोज के कुछ दिनों तक नहीं दिखा। इटली, इजरायल और कई अन्य देशों में भी इस तरह की स्टडी हुई हैं। वैक्सीनेशन के दो से तीन हफ्ते बाद ब्लड सैम्पल लेने पर एंटीबॉडी के स्तर में उछाल देखा गया। दूसरे डोज के बाद उनमें एंटीबॉडी के स्तर में इतना बदलाव नहीं दिखा था।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में एक और स्टडी हुई। ज्यादातर लोग आठ या नौ महीने पहले कोरोना से इन्फेक्ट हुए थे। वैक्सीन का पहला डोज दिया तो उनके शरीर में एंटीबॉडी कई गुना तक बढ़ गई। दूसरे डोज के बाद एंटीबॉडी लेवल ऐसे नहीं बढ़ा। न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में इम्युनोलॉजिस्ट फ्लोरियन क्रैमर की स्टडी के अनुसार, जिन्हें इन्फेक्शन हो चुका है, उन्हें एक डोज काफी होगा।

इन देशों ने बदली स्ट्रैटजी
फरवरी से फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी जैसे कुछ यूरोपीय देशों ने कोरोना को हरा चुके लोगों को वैक्सीन के दो के बजाय एक डोज देने की स्ट्रैटजी बनाई है। इजरायल ने भी फरवरी में ही तय किया कि जो लोग कोरोना को हरा चुके हैं, उन्हें एक ही डोज देंगे।

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