रोज खाएं एक एवोकाडो, होंगे ये 5 फायदे

कहा जाता है कि एक सेब रोज खाने से डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती, लेकिन हाल में हुए एक शोध से पता चला है कि एवोकाडो खाने से भी स्वास्थ्य को बहुत फायदा होता है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 29, 2019 8:34 AM IST

हेल्थ डेस्क। कहा जाता है कि एक सेब रोज खाने से डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती, लेकिन हाल में हुए एक शोध से पता चला है कि एवोकाडो खाने से भी स्वास्थ्य को बहुत फायदा होता है। एवोकाडो में कैलोरी ज्यादा होती है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम होता है। नियमित रूप से इसे खाने से कई गंभीर बीमारियों से बचाव होता है। यह हार्ट डिजीज, डायबिटीज, आर्थराइटिस और यहां तक कि कैंसर से भी बचाव करता है। एवेकाडो में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैंग्नीज और कॉपर जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं। इसमें फाइबर भी काफी होता है। 

1. डाइजेशन को रखता है ठीक
एवोकाडो में फाइबर काफी मात्रा में पाया जाता है, इसलिए यह डाइजेशन को ठीक रखता है। डाइजेशन सही रहने से पेट संबंधी बीमारियां जल्दी नहीं होती हैं। एवोकाडो खाने से कब्ज की शिकायत नहीं होती। यह आंतों को मजबूत बनाता है।

2. सांसों की बदबू करता है दूर
बहुत से लोगों को सांसों से बदबू आने की समस्या होती है। कई तरह के टूथपेस्ट आजमाने के बाद भी यह समस्या ठीक नहीं होती। लेकिन एवोकाडो के सेवन से सांसों की बदबू दूर हो जाती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट फ्लेनॉयड होता है जो मुंह के जीवाणुओं को मार देता है। एवोकाडो ओरल कैंसर से भी बचाव करता है।

3. स्किन और बालों के लिए फायदेमंद
एवोकाडो में काफी खनिज और लवण होते हैं जो स्किन और बालों को हेल्दी रखते हैं। इसमें बीटा-कैरोटीनॉइड्स होता है जो स्किन की हर समस्या को दूर करता है। इससे बना तेल सनबर्न में काफी कारगर होता है।

4. लिवर को रखता है हेल्दी
लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। नियमित तौर पर इसके सेवन से लिवर हेल्दी रहता है। इसके सेवन से हेपटाइटिस बी और हेपटाइटिस सी का संक्रमण होने की संभावना कम रहती है। 

5. आंखों के लिए फायदेमंद
एवोकाडो खाने से आंखों से संबंधित समस्या नहीं होती है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने के साथ उम्र बढ़ने पर होने वाले आंखों के रोगों से भी बचाव करता है। अगर कोई रोज एवोकाडो का सेवन करता हो तो उसे मोतियाबिंद होने की संभावना कम होती है। 
 

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