स्मोकिंग करने वालों के लिए कोरोना संक्रमण से ज्यादा खतरा, स्टडी में ये बातें आईं सामने

कुछ शोधों से पता चला है कि कोरोना वायरस का खतरा उन लोगों को ज्यादा है, जो स्मोकिंग करते हैं। बता दें कि कोरोना ने पूरी दुनिया में एक महामारी का रूप ले लिया है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2020 5:04 AM IST

हेल्थ डेस्क। कुछ शोधों से पता चला है कि कोरोना वायरस का खतरा उन लोगों को ज्यादा है, जो स्मोकिंग करते हैं। बता दें कि कोरोना ने पूरी दुनिया में एक महामारी का रूप ले लिया है। दुनिया भर में 6 लाख लोग इससे संक्रमित हैं और 30 हजार मौतें हो चुकी हैं। वहीं, भारत में संक्रमित लोगों को आंकड़ा 1 हजार की संख्या पार कर चुका है और 24 लोग इससे अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन की एक स्टडी से पता चला है कि जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उन्हें कोरोना का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है। इस तरह की कुछ और रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं।

स्मोकिंग से फेफड़े हो जाते हैं कमजोर
जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उनके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर यह जब फेफड़ों में पहुंचता है तो सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। यह फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन पर असर डालता है। अगर फेफड़े कमजोर होते हैं, तो वायरस का उन पर ज्यादा ही बुरा असर होता है। यूरोपियन यूनियन हेल्थ एजेंसी की रिपोर्ट में भी यह बात कही गई है कि स्मोकिंग करने वाले लोगों को कोरोना का संक्रमण जल्दी हो सकता है और उनके ठीक होने की संभावना भी कम होती है। 

स्मोकिंग करने वालों को सांस की तकलीफ ज्यादा
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलीना की एक स्टडी में बताया गया है कि धूम्रपान करने वाले लोगों के फेफड़े में एक एंजाइम एसीई-2 (Angiotensin-Converting Enzyme-2) का ज्यादा स्राव होने लगता है। इससे हाइपरटेंशन की समस्या पैदा होती है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भी कोरोना का संक्रमण खतरनाक रूप ले सकता है। कोरोना के संक्रमण में फेफड़े अगर पहले से कमजोर होते हैं, तो ऑक्सीजन जरूरी मात्रा में शरीर के अंगों तक नहीं पहुंच पाता है।

धूम्रपान से निमोनिया खतरा दोगुना
पब्लिक हेल्थ चैरिटी संस्था एश के चीफ एग्जीक्यूटिव देबोराह आरनॉट का कहना है कि जो लोग धूम्रपान करते हैं, उन्हे निमोनिया होने का खतरा धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों की तुलना में दोगुना होता है। वहीं, चीन के चिकित्सकों ने भी कोरोना वायरस के 99 मरीजों के सैंपल की स्टडी के बाद पाया कि बुजुर्गों की तुलना में कोरोना से संक्रमित उन लोगों की ज्यादा मौतें हुईं, जो धूम्रपान करते थे। कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर श्वसन प्रणाली कमजोर हो जाती है, इसलिए चिकित्सकों का कहना है कि वायरस से बचाव के लिए धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।  

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