इन कारणों से अफ्रीकी क्षेत्र में औसत आयु 10 साल बढ़ गई, WHO की रिपोर्ट में खुलासा

अफ्रीकी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आयु में इजाफा हुआ है। प्रति व्यक्ति औसत आयु में 10 साल की बढ़ोतरी हुई है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसके बारे में जानकारी दी।

Asianet News Hindi | Published : Aug 6, 2022 10:35 AM IST / Updated: Aug 06 2022, 05:42 PM IST

हेल्थ डेस्क. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया कि 2000 से 2019 की के समय के बीच अफ्रीकी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति औसत जीवन प्रत्याशा (Life expectancy ) में 10 वर्ष की बढ़ोतरी पाई गई है। जो कि इस अवधि के दौरान दुनिया के किसी अन्य क्षेत्र की तुलना में अफ्रीकी क्षेत्र में यह वृद्धि सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही WHO ने आगाह भी किया है कि इस अवधि के अंत में कोविड -19 (COVID-19) महामारी के कारण जीवन प्रत्याशा में बढ़ोतरी पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

डब्ल्यूएचओ अफ्रीका क्षेत्र 2020- ट्रैकिंग यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज'नाम का एक रिपोर्ट ब्रेजाविल में अपने मुख्यालय में ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साझा किया। उन्होंने बताया कि वहां के लोगं के स्वास्थ स्थिति बेहतर है।  यह वर्ष 2000 में 46 वर्ष की तुलना में 2019 में बढ़कर 56 साल हो गई है। मतलब 10 साल औसत आयु में बढ़ोतरी हुई है।

 वैश्विक औसत दर से 8 साल कम है

भले ही साउथ अफ्रिका क्षेत्र में रहने वाले लोगों के औसत आयु में वृद्धि हुई है लेकिन वो अब भी कम हैं। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि अफ्रीका में जीवन प्रत्याशा में वृद्धि अब भी वैश्विक औसत दर (64) से काफी नीचे है। बहरहाल, इस अवधि में वैश्विक स्तर पर जीवन प्रत्याशा में केवल पांच वर्षों की वृद्धि हुई है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की वजह से औसत आयु में बढ़ोतरी हुई

जीवन प्रत्याशा बढ़ने के अहम कारणों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार है। इसके अलावा, प्रजनन, मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार और संक्राणक रोगों से निपटने की दिशा प्रगति शामिल रहे। खास कर के 2005 से ‘ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस’ (एचआईवी), तपेदिक और मलेरिया नियंत्रण उपायों में तेजी से वृद्धि के कारण स्वस्थ जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने में मदद मिली।

हाई बल्ड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी में इजाफा

अफ्रीकी महाद्वीप में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के कवरेज में सुधार हुआ और यह 2019 में 46 प्रतिशत हो गया, जबकि 2000 में यह 24 प्रतिशत था। इसमें कहा गया है कि जहां एक ओर संक्रामक रोगों की रोकथाम और उनका इलाज करने में अहम सफलता मिली है। वहीं, दूसरी ओर हाइ बल्ड प्रेशर, डायबिटीज जैसी जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों में इजाफा भी हुआ है।

राष्ट्रीय बजट में हेल्थ पर फोकस करें सरकारें

अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मत्शीदिसो मोएती ने कहा, 'पिछले दो दशक के दौरान स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में तेज़ी से हुई वृद्धि बेहतर स्वास्थ्य और आबादी की भलाई के लिए क्षेत्र में चलाई गई मुहिम का सबूत हैं।’ हालांकि, मोएती ने अन्य बीमारियों पर भी अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। इसके साथ ही कहा गया है कि सरकार को राष्ट्रीय बजट में हेल्थ पर अधिक योगदान देना चाहिए। ताकि लोग स्वस्थ्य रह सकें और अच्छी लाइफ जी पाएं।

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