किस बीमारी से 43 दिन तक जंग लड़ रहे थे राजू श्रीवास्तव, जानें इसके लक्षण और कारण

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का 21 सितंबर को 58 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 21, 2022 6:37 AM IST / Updated: Sep 21 2022, 12:13 PM IST

हेल्थ डेस्क : मशहूर कॉमेडियन और एक्टर राजू श्रीवास्तव (raju srivastav) हम सबके बीच नहीं रहे। 21 सितंबर 2022, बुधवार को उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें 10 अगस्त को जिम में वर्कआउट करने के दौरान हार्ट अटैक आया था। जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। 43 दिन तक राजू श्रीवास्तव जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ते रहे और आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इतने फिट और तंदुरुस्त होने के बाद भी क्यों लोग हार्ट अटैक का शिकार हो जाते हैं, इसके कारण क्या है और इससे बचा कैसे जा सकता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं इसके बारे में...

क्यों आता है हार्ट अटैक
हार्ट अटैक तब होता है, जब अचानक धमनी में रुकावट आ जाती है और खून का थक्का जम जाने से दिल की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन होना बंद हो जाता है। यह रुकावट मुख्य रूप से कोरोनरी धमनियों में पट्टिका के निर्माण के कारण होती है। इसकी शुरुआत धमनियों के अंदर धीरे धीरे प्लैक जमा होने से होती है। प्लैक नसों को संकरा बना देता है, इससे ब्लड सर्कुलेशन होने में परेशानी आती है, जो हार्ट अटैक का कारण बनता है।

क्यों ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई हो जाती है बंद
हार्ट अटैक आने के बाद राजू श्रीवास्तव के ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो गई थी। जिसके चलते उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों के मुताबिक जब दिमाग की कोशिकाएं काम करना बंद कर देती है, तो उस स्थिति में ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक तरह से नहीं हो पाती है। इस स्थिति में ब्रेन डेड घोषित कर दिया जाता है। ब्रेन डेड होना कोमा की स्थिति नहीं है। कोमा में इंसान बेहोश रहता है लेकिन वो जिंदा रहता है। ब्रेन डेड तब होता है जब गंभीर रूप से बीमार मरीज को लाइफ सपोर्ट पर रखा जाता है।

हार्ट अटैक के लक्षण
- सीने में दर्द या बेचैनी- अधिकांश दिल के दौरे में छाती के केंद्र या बाईं ओर असुविधा होती है, जो थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में होती है। 

- बेचैनी, असहज दबाव, छाती में दर्द, बेहोशी (सिंकोप), थकान, दिल की अनियमित धड़कन, सांस लेने में कठिनाई, सूजे हुए पैर या टखने।

-  ठंडा पसीना आना।

- जबड़े, गर्दन या पीठ में दर्द या बेचैनी।

- एक या दोनों बाहों या कंधों में दर्द या बेचैनी।

- सांस लेने में कठिनाई। यह अक्सर सीने में तकलीफ के साथ आता है, लेकिन सीने में तकलीफ से पहले सांस की तकलीफ भी हो सकती है।

हार्ट को कैसे रखें हेल्दी
- हार्ट अटैक से बचने के लिए stress-free रहे और तनाम से बचें।

- हेल्दी डाइट लें और तेल, मसाले और जंक फूड से दूर रहें।

- लाइट एक्सरसाइज करें। बहुत ज्यादा वेटलिफ्टिंग करने से बचें। इससे आपकी दिल की धड़कन बढ़ जाती हैं।

- स्मोकिंग, शराब और नशे की चीजों का सेवन नहीं करें। 

- अपना वेट कंट्रोल करें और जरा सी भी तकलीफ होने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

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