Study : गाय के दूध से जिन बच्चों को होती है एलर्जी, नहीं हो पाता उनका पूरा विकास

Published : Dec 23, 2019, 10:05 AM ISTUpdated : Dec 23, 2019, 10:09 AM IST
Study : गाय के दूध से जिन बच्चों को होती है एलर्जी, नहीं हो पाता उनका पूरा विकास

सार

हाल में हुई एक स्टडी से पता चला है कि जिन बच्चों को गाय के दूध से एलर्जी होती है, उनका सही तरीके से ग्रोथ नहीं हो पाता है। वैसे, इसका पता नहीं चल सका है कि यह किस तरह बच्चों के विकास को प्रभावित करता है।  

हेल्थ डेस्क। हाल में हई एक स्टडी से पता चला है कि जिन बच्चों को गाय के दूध से एलर्जी होती है, उनका सही तरीके से ग्रोथ नहीं हो पाता है। वैसे, इसका पता नहीं चल सका है कि यह किस तरह बच्चों के विकास को प्रभावित करता है। यह स्टडी 'जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी' में पब्लिश हुई है। इसमें साफ कहा गया है कि जिन बच्चों को गाय के दूध से एलर्जी होती है, उनका विकास सामान्य बच्चों की तरह नहीं हो पाता है। वहीं, यह भी कहा गया है कि यह प्रक्रिया कैसे होती है, इसका पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है। 

1. गाय का दूध है पूर्ण आहार
गाय के दूध को बच्चों के लिए पूर्ण आहार बताया गया है। दुनिया भर में बच्चों का यह मुख्य आहार रहा है। इसमें उन्हें पोषण प्रदान करने और बीमारियों से बचाव करने के गुण होते हैं। गाय का दूध पीने से बच्चों का पूर्ण शारीरिक-मानसिक विकास होता है। गाय का दूध पीने से बच्चों का वजन बढ़ता है और उनकी लंबाई भी बढ़ती है। अगर कुपोषित बच्चों को भी गाय का दूध पीने को दिया जाए तो जल्दी ही उन्हें इससे फायदा होने लगता है।

2. किशोरावस्था में दिखता है बुरा असर
इस स्टडी के मुख्य लेखक डॉक्टर कारेन रॉबिन्स, एमडी का कहना है कि जिन बच्चों में गाय के दूध के प्रति एलर्जी बचपन में पैदा हो जाती है, उसका बुरा असर उन पर किशोरावस्था में देखने को मिलता है। ऐसे बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनका वजन कम होता है और लंबाई भी सामान्य से कम ही होती है। 

3. 1994 से 2015 तक चली स्टडी
यह स्टडी साल 1994 से 2015 तक लगातार चली और इसमें करीब 191 बच्चों को शामिल किया गया। इन सभी 191 बच्चों में 111 बच्चों का गाय के दूध से एलर्जी थी और बाकी कोई नट नहीं खाते थे। इतने लंबे समय तक की गई स्टडी से यही पता चला कि गाय का दूध बच्चों के विकास के लिए हर तरह से जरूरी है। जिन बच्चों में इसे लेकर एलर्जी होती है, उसके समाधान का तरीका तलाश किया जाना जरूरी है।  

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