'सावित्री'बनी यह वैज्ञानिक पत्नी, सुपरबग ले रहा था पति की जान, वायरस के कॉकेटल से मौत के मुंह से लाई खींच

सावित्री ने अपने पति को यमराज से बचाकर लेकर आई थी। इसी किरदार में अमेरिका की एक औरत नजर आई, जब उसने मौत के चंगुल में फंसे पति को अपने खोज के जरिए बचाकर लेकर आ गईं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 21, 2022 9:04 AM IST / Updated: Jul 21 2022, 02:40 PM IST

हेल्थ डेस्क. टॉम पैटरसन साल 2016 से सुपरबग से पीड़ित थे। तमाम इलाज के बाद भी वो ठीक नहीं हो रहे थे। डॉक्टर्स ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे। जिसके बाद उनकी पत्नी  स्टेफनी स्ट्रैथडी (Stephanie Strathdie) अपने पति को बचाने का फैसला लिया। स्टैथडी अमेरिका की महामारी विशेषज्ञ हैं। उन्होंने नेचुरल तरीक से अपने पति को बचाया। आइए जानते हैं कैसे स्टेफनी स्टैथडी ने ये कारनाम किया।

वायरस का बनाया कॉकेटल 

स्टेफनी स्टैथडी ने सुपरबग का मुकाबला करने के लिए सबसे पहले एक डॉक्टर्स की टीम बनाई। इसके बाद उन वायरस को खोजा जो इससे मुकाबला कर सकता था। स्टेफनी ने डॉक्टरों की टीम के साथ मिलकर हर खराब चीज जैसे सीवेज, दलदल, तालाब, मैदान, घास और नाव की सड़ी हुई लकड़ी से वायरस को इक्ट्ठा किया। इसके बाद सुपरबग बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए वायरस का कॉकटेल बनाया।

इस खोज से 70 लाख लोगों को हर साल बचाया जा सकता है

इस कॉकेटल को पति के शरीर में इंजेक्ट कर दिया। ये एक तरह का रिस्क था। लेकिन 3 हफ्ते बाद ही टॉम की स्थिति ठीक  होने लगी। वो पूरी तरह ठीक होने लगे। स्टैथडी ने मौत की मुंह से अपने पति को बचाकर ले कर आई। इसके साथ ही उन तमाम लोगों की जिंदगी अब बच सकती है जो सुपरबग के इंफेक्शन से पीड़ित हैं। हर साल सुबरबग्स की वजह से दुनिया भर में 70 लाख लोग मरते हैं। जिन्हें इस खोज से बचाया जा सकता है। 

क्या होता है सुपरबग

बैक्टीरिया, फंगस, पैरासाइट्स और वायरस समय के साथ म्यूटेट यानी अपने स्वरूप को बदलते रहते हैं। जिसकी वजह से उनपर दवाइयों का असर नहीं होता है। जिससे  एंटीमाइक्रोबायल रेजिस्टेंट (AMR) पैदा होता है। जिसकी वजह से इलाज नहीं हो पाता है। सुपरबग को एंटीबायोटिक-रेजिस्टेंट बैक्टीरिया भी कहते हैं। यानी इसपर एंटीबायोटिक का असर नहीं होता है। स्टेफनी स्टैथडी  के खोज को मंजूरी मिल गई है। अमेरिका का फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (FDA) ने इस कॉकटेल के लिए मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही आने वाले खतरे को देखते हुए एंटीबायोटिक बनाने में मदद मांगी है।

बता दें कि 2021 में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने 10 अस्पतालों में स्टडी कर पाया था कि एंटीबायोटिक के ज्यादा इस्तेमाल और सुपरबग के चलते महामारी में स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ी। 

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