Depression से बचने के लिए अपना सकते हैं ये 5 तरीके

आज के समय में डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक बीमारी के रूप में सामने आया है, जिसका अगर वक्त पर इलाज नहीं किया जाए तो पेशेंट सुसाइड तक कर सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2019 6:19 AM IST / Updated: Sep 16 2019, 11:52 AM IST

हेल्थ डेस्क। डिप्रेशन एक बहुत ही गंभीर और आमफहम बीमारी है। आज के समय में यह बीमारी बढ़ती ही जा रही है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, दुनिया की करीब 10 फीसदी आबादी डिप्रेशन की शिकार है। इस बीमारी के शिकार लोगों में निराशा की गहरी भावना जड़ जमा लेती है। वे हर समय किसी न किसी चिंता में डूबे रहते हैं। उन्हें यह महसूस होता है कि उनके अंदर किसी तरह की ताकत नहीं रह गई है और कोई भी काम उनसे नहीं हो सकेगा। उनकी भूख भी कम हो जाती है। किसी भी तरह के काम में उनका मन नहीं लगता। कई बार उन्हें रात-रात भर नींद नहीं आती तो कुछ मामलों में जरूरत से ज्यादा नींद आती है। डिप्रेशन के मरीज को दुनिया निरर्थक लगने लगती है। जब उनकी बीमारी बढ़ जाती है तो वे आत्महत्या भी कर सकते हैं। इसलिए डिप्रेशन को एक खतरनाक बीमारी माना गया है। इसके मरीज का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। कुछ खास उपाय अपना कर इस समस्या को कम किया जा सकता है।

1. नियमित व्यायाम करें
डिप्रेशन के मरीज को नियमित व्यायाम करना चाहिए। उसे पैदल चलने के साथ जॉगिंग, गार्डनिंग और स्विमिंग भी करनी चाहिए। इसके अलावा सुबह-शाम जरूर टहलना चाहिए।

2. खेलों में शामिल होना
जो लोग डिप्रेशन के शिकार हैं, उन्हें कुछ खेलों में जरूर भाग लेना चाहिए। उन्हें टेनिस, वॉलीबॉल, फुटबॉल और बडमिंटन जैसे खेल खेलने चाहिए।

3. मेडिटेशन करें
डिप्रेशन में मेडिटेशन या योग करने से काफी फायदा होता है। इससे पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। इसलिए डिप्रेशन के मरीजों को समय निकाल कर मेडिटेशन करना चाहिए। इससे दो से तीन महीने के अंदर काफी फायदा होता है। 

4. नींद लेने की कोशिश करें
डिप्रेशन की बीमारी में अक्सर नींद आने में परेशानी होती है। लेकिन इसमें 6 से 7 घंटे की नींद लेना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर से बात करें। कुछ ऐसी नींद की दवाएं आई हैं जो ज्यादा नुकसान नहीं करतीं और न ही उनकी आदत पड़ती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह से नींद के लिए उन दवाओं का सेवन कर सकते हैं।

5. घर से बाहर निकलें
अक्सर डिप्रेशन के मरीज घर से बाहर निकलना पसंद नहीं करते। यहां तक कि वे कमरे में ही बंद रहते हैं। दूसरे लोगों से वे ज्यादा बातचीत भी नहीं कर पाते। इससे उनकी बीमारी और बढ़ती जाती है। इसलिए उन्हें हर हाल में घर से बाहर निकल कर घूमना-फिरना चाहिए और लोगों से मिलना चाहिए। डिप्रेशन के मरीजों के घर वालों को चाहिए कि इसके लिए उन्हें समझाएं और साथ लेकर घूमने के लिए निकलें।     

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