World Malaria Day 2022: धनिया से लेकर गिलोय तक ये है मलेरिया से बचने के रामबाण उपाय

Malaria ke upay: मलेरिया मच्छरों के जरिए फैलने वाली एक आम बीमारी है। लेकिन कई मामलों में रोगी को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, यहां तक कि उसकी मौत हो सकती है। ऐसे में हम आपको बताते है, इससे बचने के उपाय...

Asianet News Hindi | Published : Apr 25, 2022 3:52 AM IST

हेल्थ डेस्क: हर साल 25 अप्रैल को, विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day 2022) मनाया जाता है। जिसका मकसद मच्छर द्वारा फैलने वाली इस बीमारी को रोकना और इसके बारे में जागरूकता फैलाना है। वैसे तो मलेरिया मादा मच्छर एनोफिलीज (Anopheles) के कांटने से होने वाली एक आम बीमारी है। लेकिन इसमें मरीज को बहुत बुखार होता है और कई मामलों में तो उसकी मौत भी हो सकती है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं, मलेरिया से बचने के लिए इस्तेमाल होने वाली वो 5 जड़ी बूटी, जो इसके प्रभाव को तेजी से कम कर सकती है। 

सप्तपर्णा की छाल 
सप्तपर्णा पेड़ का उपयोग पारंपरिक चीनी चिकित्सा और आयुर्वेद में सिरदर्द, इन्फ्लूएंजा, मलेरिया, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के इलाज के लिए किया गया है। इसकी छाल और पत्तियों से विभिन्न अल्कलॉइड में सक्रिय तत्व होते हैं जो इन बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं। मलेरिया से पीड़ित मरीज को आप सप्तपर्णा की छल से बना कढ़ा दे सकते है।

गिलोय
गिलोय एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करती है। साथ ही कोरोनावायरस, मलेरिया या किसी भी प्रकार की संक्रामक बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। इसके लिए गिलोय की छड़ या गिलोय रस को पानी में मिलाकर पीने से फायदा मिलता है। साथ ही यह रेड ब्लड सेल्स की संख्या को भी बढ़ाते हैं और शरीर के हिमोग्लोबिन लेवल को भी सही रखते हैं।

धनिया 
हरा धनिया सिर्फ खाने में स्वाद ही नहीं बढ़ाती बल्कि एक जड़ी बूटी के रूप में भी काम करती है। मलेरिया के से होने वाले बुखार और सर्दी को ठीक करने के लिए भी आप धनिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए धनिया की ताजी पत्तियों को पानी में मिलाकर उबाल लें और इसे छानकर इसके पानी का रोजाना सेवन करें। इससे मलेरिया से पीड़ित मरीज को जल्दी फायदा मिलता है।

सौंठ 
सूखा अदरक या जिसे हम आम भाषा में सौंठ कहते हैं मलेरिया को ठीक करने में बेहद कारगर होता है। इसमें जिंजरोल और हाइड्रोकार्बन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और मलेरिया बुखार को कम करने में भी मदद करते हैं। आप सौंठ का पानी या इसकी चाय बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं।

हरीतकी
हरीतकी हिमालय में उगने वाला एक पौधा है, जो पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है विशेष रूप से मलेरिया के इलाज में इसका उपयोग बहुत कारगर होता है। इसके अलावा ये कब्ज, बवासीर, पेट के कीड़ों को दूर करने, भूख बढ़ाने और मौसमी बीमारियों को कम करने में प्रभावी होती है। इसके लिए तीन ग्राम हरीतकी का चूर्ण एक गिलास गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करें।

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