दूसरे 'भगवान'ने किया चमत्कार, 100 प्रतिशत ब्लॉक हार्ट को ऐसे किया ठीक, शख्स को मिला नया जीवन

Published : Dec 13, 2022, 10:09 AM IST
दूसरे 'भगवान'ने किया चमत्कार, 100 प्रतिशत ब्लॉक हार्ट को ऐसे किया ठीक, शख्स को मिला नया जीवन

सार

43 साल के शख्स का हार्ट 100 प्रतिशत ब्लॉक हो गया था। गंभीर हालत में वो अस्पताल पहुंचा, जिसके बाद डॉक्टर ने वो चमत्कार किया जिसकी वजह से उन्हें भगवान का दर्जा प्राप्त है। हाई रिस्क सर्जरी के जरिए उन्होंने शख्स को नई जिंदगी दी। आइए बताते हैं पूरा केस।

हेल्थ डेस्क. गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने एक 43 साल के शख्स का सफलतापूर्वक इलाज किया। वो 100 प्रतिशत हार्ट ब्लॉकेज से पीड़ित था। उसके दिल की सभी प्रमुख धमनियां (arteries ) ब्लॉक हो गई थीं। हॉस्पिटल के डॉक्टर के अनुसार मरीज को सीने में दर्द की शिकायत के साथ गंभीर स्थिति में यहां लाया गया था।

तमाम तरह के टेस्ट के बाद पता चला कि उसके दिल की सभी तीन प्रमुख धमनियां, मेन धमनी ( main artery )के साथ ब्लॉक हो गया है। जो कि बाई पूर्वकाल अवरोही ((LAD) है जो हृदय को लगभग 70-75 प्रतिशत ब्लड की आपूर्ति करती है। वो 100 प्रतिशत ब्लॉक है। उसकी दाहिनी धमनी ( right artery) भी 100 प्रतिशत ब्लॉक हो गई थी। जिसकी वजह से हार्ट महज 25 से 30 प्रतिशत काम कर रही थी।

नई तकनीक से की गई हाई रिस्क सर्जरी

डॉक्टर ने आगे बताया कि मरीज युवा था और उसे कोई अन्य बीमारी नहीं थी। वह कभी-कभी स्मोकिंग करता था। दिल की बीमारी से जुड़ा को पारिवारिक इतिहास नहीं था। धमनियों में कई रुकावटों के कारण, उसके हृदय का कार्य पहले से ही 25 प्रतिशत तक कम हो गया था। ट्रीटमेंट के बाद उसके बचने की संभावना कम हो सकती थी। हाई रिस्क को ध्यान में रखते हुए ,हम एक नई तकनीक के साथ धड़कते दिल पर बाईपास सर्जरी के साथ आगे बढ़े।  LAD / Endarterectomy (किसी भी अवरोधक जमाव के साथ धमनी की अंदरूनी परत के हिस्से को सर्जिकल रूप से हटाना) तकनीक से सर्जरी की गई।

सर्जरी के तीसरे दिन से ही मरीज अपनी सामान्य एक्टिविटी करने लगा था

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) के निदेशक और प्रमुख डॉ. उदगेथ धीर ने कहा कि हार्ट ब्लॉकेज की जटिलता को देखते हुए यह हाई रिस्क वाली सर्जरी थी। सर्जरी अच्छी तरह से हुई। ऑपरेशन के बाद रोगी का एक असमान कोर्स था। छह हफ्तों के भीतर उसका हार्ट कार्य 40-45 प्रतिशत तक ठीक हो गया था। सर्जरी के बाद तीसरे दिन मरीज अपने दम पर खड़ा होने में सक्षम हो गया। उसने अपनी नियमित गतिविधियां ऑफिस का काम, सीढ़ियां चढ़ना करते हुए सामान्य जीवन फिर से शुरू कर दिया। 

बाईपास सर्जरी को लेकर लोगों में है गलत धारणा
 
डॉ. उदगेथ धीर ने कहा कि युवाओं की खराब जीवनशैली के कारण नियमित हेल्थ चेकअप करवाना महत्वपूर्ण हैं।खराब जीवनशैली वाले युवा गंभीर हार्ट ब्लॉकेज से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए, नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर ने बताया कि व्यापक धारणा है कि बाईपास सर्जरी असुरक्षित हैं। हालांकि, यह गलत धारणा है।  बाईपास सर्जरी हर्निया और पित्ताशय की सर्जरी की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। जो रोगी को लंबी उम्र देता है।रोगी की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण मामला था। सभी बाधाओं के बावजूद डॉक्टरों ने सही इलाज अपनाकर मरीज की जान बचाई।

और पढ़ें:

बचपन में इस वजह से मेंटल ट्रॉमा से गुजरे थे ऋतिक रोशन, जानें बच्चों को क्यों होती है यह बीमारी

सिर्फ महिला ही नहीं पुरुष को भी होता है ब्रेस्ट कैंसर, जानें इसके लक्षण और बचाव का तरीका

PREV

Recommended Stories

Iron Rich Soup for Winter: पालक और गाजर-बीटरूट सूप के फायदे, सर्दियों में दूर रहेगी बीमारी
2026 में AI Doctor की एंट्री: अब बिना पैसे मिलेगी हेल्थ गाइडेंस, ऐसे रहें फिट