
मुंबई। किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) में विदेशी साजिशों का पर्दाफाश हो रहा है। स्वीडिश एक्टिवस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) की टूलकिट सामने आने के बाद ये साफ हो चुका है कि किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को विदेशी फंडिंग हो रही थी। इस मामले में अब एक और खुलासा हुआ है, जिसमें यह पता चला है कि अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना (Rihanna) को किसान आंदोलन के समर्थन में पोस्ट करने के बदले 2.5 मिलियन डॉलर यानी 18 करोड़ रुपए मिले थे। इस डील के पीछे कनाडा के खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का हाथ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीआर फर्म स्काईरॉकेट ने इस काम को अंजाम दिया, जिसका फाउंडर एक खालिस्तानी एमओ धालीवाल है। उसी ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के सपोर्ट में ट्वीट करने के लिए रिहाना को पैसे दिए थे। किसान आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन देने के लिए इस अभियान में कनाडा के कई नेता और संगठन भी शामिल हैं।
रिहाना को ट्वीट के बदले 18 करोड़ रुपए मिलने की खबर जैसे ही सामने आई तो कंगना रनोट ने सोशल मीडिया पर अपनी बात कही। कंगना ने कहा- इतना कम, इतने की तो मैं अपने फ्रैंड्स को गिफ्ट दे देती हूं। कितने सस्ते हैं ये सब यार, हा हा हा हा। फोर्ब्स इनकम की सबसे बड़ी धोखाधड़ी। उनके पास सेलेब्रिटीज के फाइनेंशियल डेटा तक पहुंच नहीं है फिर भी सितारों की नकली इनकम का दावा करते हैं। अगर मैं झूठ बोल रही हूं तो फोर्ब्स मेरे खिलाफ मुकदमा करे।
बता दें कि रिहाना ने किसान आंदोलन पर अमेरिकी न्यूज चैनल CNN की खबर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा था- ‘हम इस पर (किसान आंदोलन) पर बात क्यों नहीं कर रहे हैं? उनकी इस पोस्ट को 2.20 लाख से भी ज्यादा लोगों ने री-ट्वीट किया। बता दें कि ट्विटर पर रिहाना के 11 करोड़ फॉलोअर्स हैं।
इससे पहले स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर टूलकिट नाम से एक डॉक्यूमेंट शेयर किया था। हालांकि इसे कुछ देर बाद डिलीट कर दिया गया था। लेकिन जब तक यह डिलीट होता, सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था। इस टूलकिट में पूरी प्लानिंग पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के साथ थी। साथ ही इसमें पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का लोगो भी लगा था। इस टूलकिट के मुताबिक ये कैम्पेन नवंबर, 2020 से चल रहा है। 23 और 26 जनवरी के दिन इनकी बड़े लेवल इस प्रोपेगेंडा फैलाने की पहले से प्लानिंग थी।