India@75: कमलादेवी चट्टोपाध्याय ऐसी पहली महिला थीं जिन्हें स्वतंत्रता आंदोलन के लिए गिरफ्तार किया गया

Published : Aug 13, 2022, 01:06 PM IST
India@75: कमलादेवी चट्टोपाध्याय ऐसी पहली महिला थीं जिन्हें स्वतंत्रता आंदोलन के लिए गिरफ्तार किया गया

सार

कमलादेवी चट्टोपाध्याय (Kamaladevi Chattopadhyay) के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया। वे पहली भारतीय महिला थीं जिन्हें स्वतंत्रता आंदोलन की वजह से गिरफ्तार किया गया।  

नई दिल्ली. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कमला देवी चट्टोपाध्याय ने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंकने का काम किया। वह विधायी चुनाव लड़ने वाली पहली भारतीय महिला थीं। वह सारस्वत ब्राह्मण समुदाय की पहली महिला थीं, जिन्होंने विधवा होने के बाद शादी की और कानूनी तौर पर तलाक प्राप्त किया। वे अपने समुदाय की पहली महिला थीं, जिन्होंने विदेश जाकर विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था। वे स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, सांस्कृतिक नेता, हस्तशिल्प के प्रस्तावक, नारीवादी, शिक्षाविद, अभिनेता और प्रदर्शन कला की संरक्षक थीं। 

कौन थीं कमलादेवी
कमलादेवी चट्टोपाध्याय का जन्म 1903 में मैंगलोर के सारस्वत ब्राह्मणों के एक राष्ट्रवादी परिवार में हुआ था। पिता अनंतय्या धरेश्वर, जिला कलेक्टर थे। उनका जल्दी निधन हो गया था। कमलादेवी ने अपनी मां से बहुत कुछ सीखा। वे जब छोटी थीं तो अपनी मां के घर में प्रचलित कई रूढ़िवादी ब्राह्मण परंपराओं पर सवाल उठाती थीं। कमला की शादी 14 साल की उम्र में हो गई थी और दो साल ही वे विधवा भी हो गईं। वे पढ़ाई के लिए चेन्नई में क्वीन मैरी कॉलेज गईं। वहां उनकी सबसे अच्छी दोस्त सरोजिनी नायडू की बहन सुहासिनी चट्टोपाध्याय थीं और जो बाद में एक तेजतर्रार कम्युनिस्ट नेता बन गईं। कमला को सुहासिनी के भाई हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय से प्यार हो गया और उन्होंने शादी कर ली। यह उनके समुदाय में पहली विधवा पुनर्विवाह था। कमला और हरिंद्रनाथ इंग्लैंड गए और लंदन विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। 

वहीं पर वे स्वतंत्रता के लिए प्रवासी भारतीयों की गतिविधियों में शामिल हो गए। भारत में वापस लौटने पर कमलादेवी कांग्रेस और गांधीवादी आंदोलनों में सक्रिय हो गईं। गांधी ने उन्हें सेवा दल का प्रभारी बनाया और उन्हें नमक सत्याग्रह समिति में शामिल कराया। सत्याग्रहियों द्वारा बनाए गए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में नकली नमक बेचने की कोशिश करते हुए उन्होंने गिरफ्तारी दी। इस प्रकार वह गिरफ्तार होने वाली पहली भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी बनीं।

हिंदी फिल्मों में भी काम किया
कमलादेवी प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता के समर्थक मार्गरेट कजिन्स की करीबी सहयोगी बन गईं। वे अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की संस्थापक अध्यक्ष और पहली आयोजन सचिव बनीं। चचेरे भाई-बहनों से प्रेरित होकर कमला ने 1926 के मद्रास प्रेसीडेंसी विधान परिषद के चुनावों में चुनाव लड़ा। हालांकि वे चुनाव हार गईं। कमला विधायी चुनाव लड़ने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। महिलाओं की शिक्षा का प्रसार करने के लिए वह 1932 में दिल्ली के लेडी इरविन महिला कॉलेज की स्थापना करने वालों में से थीं। कमला अपने पति हरिंद्रनाथ से तब तक अलग हो चुकी थीं और उन्होंने कोर्ट से तलाक ले लिया। उन्होंने कुछ कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी काम किया। कमलादेवी का 1988 में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 

यहां देखें वीडियो

यह भी पढ़ें

India@75: यह है दक्षिण का जलियांवाला बाग, अंग्रेजों की अंधाधुंध फायरिंग में मारे गए थे 17 आदिवासी

PREV

Recommended Stories

JEECUP Admit Card 2024 released: जेईईसीयूपी एडमिट कार्ड जारी, Direct Link से करें डाउनलोड
CSIR UGC NET 2024 रजिस्ट्रेशन लास्ट डेट आज, csir.nta.ac.in पर करें आवेदन, Direct Link