झराखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले से सगे रिश्ते तो तार-तार करन वाली वारदात सामने आई है। जहां एक भाई ने अपने ही दूसरे भाई की बेरहमी से हत्या कर कर दी। सिर्फ जरा सी जमीन के टुकड़े के लिए। आरोपी ने 27 साल पहले अपने चाचा की भी मार डाला था।
पूर्वी सिंहभूम, झारखड में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जिसपर यकीन कर संभव नहीं है। लेकिन ये सच है। एक युवक ने जमीन विवाद में 27 साल पहले अपने चाचा की हत्या की थी। उसी जमीन के विवाद को लेकर अब उक्त युवक ने अपने भाई को ही मौत के घाट उतार दिया है। मामला जिला के मुसाबनी थाना क्षेत्र के लेंजोबेड़ा गांव से जुड़ा है। गांव में रहने वाले मकर हेंब्रम ने अपने पड़ोसी सुनाराम हेंब्रम, सुकलाल हेंब्रम और रामजीत हेंब्रम के साथ मिल अपने भाई साहेब हेंब्रम की बेरहमी से हत्या कर दी। सिर और हाथ भी काट दिए। इसके बाद बाइक पर शव को ले जाकर नदी में फेंक दिया। पुलिस ने इस मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार की देर शाम जिले के एसएसपी प्रभात कुमार ने मामले का खुलासा किया।
चार दिनों से लापता युवक का नदी में मिला था शव
एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि 17 जुलाई को मुसबनी थाना क्षेत्र बांकहा गांव के पास स्थित शंख नदी में एक अज्ञात का सिर और हाथ कटा शव मिला था। बाद में उसकी पहचान साहेब हेंब्रम के रुप में की गई। पुलिस शव का पता लगाते हुए लेंजोबेंड़ा गांव पहुंची। जहां पता चला कि साहेब हेंब्रम पिछले एक सप्ताह से अपने घर से गायब है। परिजनों ने शव की पहचान कराई गई तो परिजनों ने शव को पहचान लिया। जिसके बाद मामले की जांच शुरु की गई तो हत्यारा उसका भाई ही निकला। साहेब राम का धारदार हथियार से सिर काट अपराधियों ने शव को नदी में फेंक दिया था। आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद मृतक का खोपड़ी भी आरोपियों के निशानदेही पर बरामद हुआ। साथ ही उक्त बाइक को भी बरामद किया गया जिसपर शव रख नदी में फेंकने अपराधी ले गए थे। मृतक का हाथ बरामद नहीं हुआ है। साथ ही हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया गया है।
जमीन विवाद में चाचा की हत्या भी कर चुका है मुख्य आरोपी
एसएसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी मकर हेंब्रम ने 1995 में जमीन विवाद को लेकर अपने चाचा की हत्या की थी। उस हत्याकांड में मकर के पिता और भाई साहेब हेंब्रम भी शामिल था। लेकिन दोनों भाई बाद में जेल से रिहा हो गए थे। जबकि उसके पिता को सजा हो गई थी। पिता की मौत के बाद दोनों भाईयों ने जमीन आपस में बांट ली। जमीन बंटवारे के बाद दोनों भाइयों के बीच जमीन को लेकर विवाद होने लगा। इसी विवाद में मकर ने अपने भाई की हत्या पड़ोसियों के साथ मिलकर दी। 14 जुलाई को साहेब की हत्या की गई। उसदिन वे पहाड़ पूजा के लिए कपाटकोचा गया था। इसी दौरान उसकी हत्या की गई और शव को बाइक पर ले जाकर नदी में फेंक दिया।