बाघमारा के बाहुबली BJP नेता ढुल्लू महतो की विधायकी को खतरा,कोर्ट ने मांगे 2019 के चुनाव के सील किए डॉक्यूमेंट

बिहार के अनंत सिंह के बाद खतरें में पड़ी झारखंड राज्य के बाघमारा के बाहुबली विधायक की कुर्सी। इससे क्या बदल जाएगा धनबाद के बाघमारा विधानसभा का नतीजा, खतरें में विधायक ढुल्लू महतो की विधायकी। 20 जुलाई तक करने है सभी सीलबंद दस्तावेज जमा।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 16, 2022 10:55 AM IST

धनबाद (झारखंड).  बिहार के मोकामा विधायक बाहुबली नेता अनंत सिंह की विधायकी चली गई है। ऐसा ही मामला झारखंड में देखने को मिल सकता है, लेकिन यहां मामला कुछ और है। धनबाद के बाघमारा विधानसभा से भाजपा विधायक और क्षेत्र में टाइगर के नाम से प्रसिद्ध ढुल्लू महतो की भी विधायकी खतरे में है। झारखंड हाईकोर्ट ने जलेश्वर महतो की याचिका पर सुनवाई तेज कर दी है। बीते दिनों कोर्ट ने बाघमारा के 2019 के विधानसभा चुनाव से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर डीडीसी की मौजूदगी में बाघमारा के स्ट्रांग रूम को खोला गया और निवार्चन से जुड़े दस्तावेज सील किए गए। इसके बाद स्ट्रॉग रूम को भी सील कर दिया गया। इन सील दस्तावेजों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इन दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। विधानसभा चुनाव के करीब ढाई साल बाद अब फिर बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के स्ट्रांग रूम को खोला गया। कांग्रेस प्रत्याशी जलेश्वर महतो ने ढुल्लू महतो के निर्वाचन को चुनौती दी है। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोट्र ने 20 जुलाई तक निवार्चन से जुड़े सभी दस्तावेज मांगे हैं। ऐसे में डीडीासी की मौजूदगी में बाघमारा विधानसभा क्षेत्र का स्ट्रांग रूम खोला गया। जरूरी दस्तावेजों को सील कर दिया गया। इस दौरान कांग्रेस प्रत्याशी जलेश्वर महतो, विधायक प्रतिनिधि समेत सभी उम्मीदवारों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। 

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ढुल्लू के प्रतिनिधि बोले- न्यायालय पर पूरा भरोसा
बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के विधायक प्रतिनिधि ने कोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि कोर्ट का फैसला ढुल्लू के पक्ष में आएगा। न्यायालय का फैसला सर्वमान्य होगा। वहीं शिकायतकर्ता जलेश्वर महतो का कहना है कि कोर्ट के फैसले पर पूरा भरोसा है। 

क्या है मामला
भाजपा के बाहुबली नेता ढुल्लू महतो ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 812 वोट से जीत हासिल की। इसके बाद कांग्रेस के प्रत्याशी जलेश्वर महतो ने ढुल्लू के निवार्चन को कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर  छताबाद के बूथ न. 266 के ईवीएम को नहीं खोलने पर सवाल उठाए। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोट्र ने जरूरी दस्तावेज की मांग की है। कोर्ट ने 20 जुलाई से पहले निवार्चन से जुड़े सभी दस्तावेजों को जमा करने का निर्देश दिया है। 

ढुल्लू महतो का राजनीतिक सफर
ढुल्लू महतो का जन्म धनबाद में ही 1975 में हुआ था। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण कोलियरी में मजदूरी का काम भी किया। 1999 में इनकी मुलाकात समरेश सिंह से हुई, वे ढुल्लू को टाइगर कहा करते थे। इसके बाद से क्षेत्र में उन्हें टाइगर नाम से बुलाया जाने लगा। 2005 में वनांचल कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े और हार गए। 2009 में बाबूलाल मरांडी ने उन्हें टिकट दिया। इस बार उन्होंने बड़ी जीत हासिल की। 2014 में भारतीय जनता पार्टी की टिकट से चुनाव लड़े और कांग्रेस के जलेश्वर महतो को हराया। 

रेप जैसे कई आरोप लग चुके है, 11 महीने सजा भी काटी है
कांग्रेस नेत्री से दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में विधायक ढुल्लू महतो ग्यारह महीने जेल में रह चुके हैं। साथ ही धनबाद में कोयले के धंधे में रंगदारी के लिए बदनाम हैं। जिले के कारोबारी समय-समय पर इनपर रंगदारी के आरोप लगाते रहते हैं। पूरे धनबाद में इनका वर्चस्व चलता है। आय से अधिक संपत्ति मामले का भी इनपर आरोप है।
 

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