
धनबाद, झारखंड. बुरी कमाई कभी हजम नहीं होती। देर-सवेर सही, लेकिन वो हाजमा बिगाड़ देती है। गिरिडीह जिले के धनवार थाने में पदस्थ एएसआई शंभू कुमार सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ। रिश्वत लेकर काम करने वाले अफसरों को अलर्ट हो जाना चाहिए। जरूरी नहीं कि हर कोई दबंगई से डर जाए। कभी-कभार छक्कन जैसे लोग भी मिल जाते हैं, तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहने देते। इस ASI ने छक्कन मियां से रिश्वत के तौर पर 1500 रुपए और एक देसी मुर्गा ले लिया था। लेकिन मुर्गे की हड्डी गले में फांस बन गई। अब एसीबी(एंटी करप्शन ब्यूरो) धनबाद की टीम ने गुरुवार को उन्हें 3500 रुपये रिश्वत लेते धर दबोचा।
छक्कन एएसआई की दबंगई से परेशान थे
शंभू कुमार ने भतुआटांड़ निवासी छक्कन मियां से एक आपराधिक मामले में केस डायरी भेजने के लिए 5000 रुपए और एक देसी मुर्गा मांगा था। छक्कन मियां ने 1500 रुपए और देसी मुर्गा दे दिया। बाकी की रकम अब देने वाले थे। लेकिन उन्होंने एसीबी से इसकी शिकायत कर दी। इसके बाद धनवार थाने के निकट वी टू मॉल से एएसआई को रिश्वत लेते पकड़ लिया गया।
शंभूनाथ ने चालाकी से छक्कन मियां को मॉल से कुछ दूरी पर बुलाया था। प्लानिंग के तहत छक्कन मियां वहां पहुंचे। उन्होंने जैसे ही रिश्वत के पैसे दिए...एसीबी की टीम ने उन्हें पकड़ लिया।
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