झारखंड में अपराध की घटनाए बढ़ती जा रही है। गुरुवार की दोपहर कुछ आरोपियों ने गिरीडीह के जेलर की गाड़ी पर गोलियां बरसाई और फिर वहां से फरार हो गए। मामला गुरुवार 20 जुलाई की दोपहर का है।
गिरिडीह: झारखंड में अपराधियों के हौसले लागतार बुलंदियों पर हैं। आम हो या खास या फिर कोई सरकारी अधिकारी किसी पर भी अपराधी फायरिंग समेत अन्य घटनाएं करने पर संकोच नहीं कर रहे है। बुधवार की दोपहर गिरिडीह सेंट्रल जेल के जेलर प्रमोद कुमार की हत्या का प्रयास किया गया। उनके टाटा सूमो वाहन पर बाइक सवार दो अपराधियों ने तबातोड़ फायरिंग की। हालांकि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। गोली वाहन पर जाकर लगी। अपराधियों ने वाहन पर तीन राउंड फायरिंग की। घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई। घटना स्थल से पुलिस ने खोखा भी बरामद किया है। घटना जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के
डांडीडीह पुल के पास घटी। फायरिंग करने के बाद अपराधी मौके से भागने में सफल रहे। घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के सहारे पुलिस अपराधियों का पता लगा रही है। जेलर पर फायरिंग क्यों हुआ इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। अपराधियों को पकड़ने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा।
जेल से का रहे थे कोर्ट
बताया जा रहा है कि जेलर प्रमोद कुमार सफेद रंग के टाटा सूमो वाहन पर सवार होकर गिरिडीह सेंट्रल जेल से किसी काम के सिलसिले में कोर्ट जा रहे थे। वाहन पर उनके अलावा चालक समेत 2 और लोग थे। जैसे ही टाटा सूमो वाहन डांडीडीह पुल के पास पहुंचा बाइक सवार अपराधियों ने फायरिंग शुरु कर दी। गोली वाहन पर जा कर लगी। जेलर और वाहन पर बैठे अन्य लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही अपराधियों ने लगातार तीन राउंड फायरिंग की। इस घटना में जेलर और वाहन पर बैठे चालक समेत दो अन्य लोग बाल-बाल बचे। वाहन पर तीन जगहों पर गोली लगने के निशान मिले हैं। थाना प्रभारी विनय राम ने बताया कि अपराधियों की पहचान की जा रही है। फायरिंग में कोई घायल नहीं हुआ है।
वाहन का कर रहे थे पीछा
बाइक सवार दोनों अपराधी जेलर के सरकारी वाहन का कुछ दूर से पीछा कर रहे थे। जैसे ही वाहन पुल के पास पहुंचा अपराधियों पर फायरिंग शुरु कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी बाइक को वापस मोड़ गली के रास्ते से भाग निकले। घटना के बाद जेलर फिर कोर्ट नहीं गए। वह जेल वापस आ गए। वे विभागीय काम से ही कोर्ट जा रहे थे। एसडीपीओ अनिल सिंह के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम जेल पहुंचकर उनसे घटना के संबंध में जानकारी ले रही है।