जहां झारखंड की बेटिया कॉमनवेल्थ जैसे खेलों में देश को गोल्ड मेडल दिला रही है, उसी राज्य में एक बेटी के खेत में ट्रैक्टर चलाने पर पंचायत ने ऐसा फरमान निकाल दिया कि हर कोई हैरान रह गया। वहीं लड़की ने इसे मानने से इंकार कर दिया है..
गुमला (झारखंड). झारखंड की बेटियां गोल्ड मेडल जीत रही हैं। तो कही झारखंड की बेटी को ट्रैक्टर भी चलाने नहीं दिया जा रहा है। एक युवती के ट्रैक्टर चलाने पर पंचायत ने उसके खिलाफ फरमान जारी किया है। उसके खिलाफ जुर्माना लगाया है, और माफी मांगने को कहा है। उसे सामाजिक बहिष्कार करने की धमकी भी पंचायत द्वारा दी जा रही है, साथ ही दोबारा ट्रैक्टर ना चलाने को कहा जा रहा है। लेकिन युवती ने पंचायत का यह फरमान मानने से साफ इनकार कर दिया है। वाक्या राज्य के गुमला जिले के विशुनपुर प्रखंड के शिवनाथपुर पंचायत का है। यहां रहने वाली मंजू उरांव के ट्रैक्टर चलाने से बवाल मच गया।
पंचायत हुई परिवार को बुलाया गया
मंजू उरांव के ट्रैक्टर चलाने के बाद गांव में पंचायत हुई। मंजू के परिवार को पंचायत में बुलाया गया। जहां पंचायत ने उसे दोबारा ट्रैक्टर ना चलाने की हिदायत दी। माफी मांगने का फरमान जारी किया। ऐसा ना करने पर उसे बहिष्कार करने की धमकी दी गई। मंजू कार्तिक उरांव कॉलेज के बीए पार्ट वन की छात्रा है। उसका परिवार खेती कर अपना भरण पोषण करता है। मंजू अपने मां और भाई के साथ रहती है। मंजू के अनुसार उसने खेत जोतने के लिए एक ट्रैक्टर खरीदा था। पंचायत का फरमान वह नहीं मानेगी।
ये कैसा अंधविश्वास
आज के युग में झारखंड की बेटियां भारत के लिए गोल्ड मेडेल जीत रही है। लेकिन एक जगह पर बेटी को ट्रैक्टर चलाने से रोका जा रहा है। पंचायत का यह फरमान किसी को रास नहीं आ रहा है। पंचायत अंधविश्वास में है कि गांव में लड़की के ट्रैक्टर चलाने से महामारी फैलेगी और आकाल पड़ेगा। इसलिए पंचायत ने उसके खेती करने पर रोक लगा दी है। फरमान जारी किया है कि, पंचायत का फैसला नहीं मानने पर उसे समाज से बहिष्कार कर दिया जाएगा। मंजू ने खेती कर ही एक ट्रैक्टर खरीदा है। वह सब्जी और धान की खेती करती है।