झारखंड में रूपेश पांडे को अब मिल सकेगा न्याय, राज्य हाईकोर्ट ने दी सीबीआई जांच की परमिशन

हजारीबाग में सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान हुई मॉब लीचिंग मामले में गई रूपेश पांडेय की दर्दनाक मौत की जांच पर शुक्रवार 2 सितंबर के दिन झारखंड हाईकोर्ट का फैसला आया है, जिसमें उन्होंने  केस की इंवेस्टीगेशन सीबीआई को सौप दी।

Sanjay Chaturvedi | Published : Sep 2, 2022 3:32 PM IST

हजारीबाग (झारखंड). झारखंड के हजारीबाग में 6 फरवरी 2022 को सरस्वती पूजा के विसर्जन जुलूस में मारे गए रूपेश पांडेय की हत्या की जांच अब सीबीआई करेगी। शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस द्वारा की गई अब तक की जांच पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने जल्द से जल्द सीबीआई को मामला अपने हाथों में लेकर जांच शुरू करने का निर्देश दिया। बता दें कि घटना के बाद से ही मृतक के परिजन व अन्य लोग मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे थे। 

यह है घटना 
6 फरवरी 2022 को शाम पांच बजे रूपेश पांडे अपने चाचा के साथ सरस्वती पूजा का विसर्जन जुलूस देखने गया था। उस दौरान असलम अंसारी उर्फ पप्पू मियां के नेतृत्व में 25 लोगों की भीड़ रूपेश को खींचकर ले गयी थी और उसे पीट-पीट कर मार डाला था। मामले को बरही थाने में 27 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। 7 फरवरी को पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
 
रूपेश की हत्या के बाद देशभर से कई लोग परिजनों से की थी मुलाकात
रूपेश की नृशंस हत्या पर बरही, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह सहित कई जिलों में तनाव पैदा हो गया था। मामले ने राजनीतिक तौर पर भी तूल पकड़ा था। धरना-प्रदर्शन का लंबा सिलसिला चला था। झारखंड सहित देश के कई हिस्सों से विभिन्न संगठनों और दलों से जुड़े लोग रूपेश के परिजनों से मिलने पहुंचे थे। विभिन्न संगठनों ने पुलिस पर इस मामले में कार्रवाई में कोताही का आरोप लगाया था।

रूपेश की मां ने दायर की थी याचिका
रूपेश की मां ने पुलिस की जांच पर अविश्वास जताते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर किया था। इसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले को अपने हाथों में ले ले। जिला पुलिस और प्रशासन को इस मामले से संबंधित दस्तावेज तुरंत सीबीआई को हस्तांतरित करने का भी निर्देश दिया गया है।

परिजनों ने सीएम से भी की थी मुलाकात
रुपेश पांडेय के परिजनों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 28 फरवरी 2022 को रांची आकर मुलाकात भी की थी। मुलाकात के दौरान परिजनों ने रुपेश की निर्मम हत्या की सीबीआई जाँच की माँग की। सीएम सोरेन ने ट्वीट कर बताया है कि उन्होंने रुपेश की माँ उर्मिला पांडे और पिता सिकंदर पांडे को सीबीआई जाँच की माँग पर विचार का भरोसा दिलाया है। आशवस्त किया है कि इस मामले की फास्ट ट्रैक सुनवाई होगी। साथ ही रुपेश की माँ की स्थायी आजीविका के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

रूपेश के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में थी यह बातें
रूपेश पांडेय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह बात सामने आई थी कि चोट की वजह से रुपेश के इंटरनल ऑर्गन फेल हो गए थे। आँख, कान, छाती, पेट, पैर सहित पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। मजबूत और भारी सामान से हमला किया गया था। धारदार हथियार से हमला हुआ। गला दबाने की कोशिश की गई। कान, गले और छाती के निचले हिस्से में घाव थे।

पुलिस ने यह FIR दर्ज की थी
घटना के बाद रूपेश केचाचा अनिल कुमार पांडेय ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई। उन्होंने बताया है कि रूपेश शाम के 5 बजे दुकान पर बैठा था, तभी उसके कुछ दोस्तों ने उसे सरस्वती पूजा विसर्जन में शामिल होने के लिए बुलाया। ये घटना 5 फरवरी, 2022 (रविवार) की है। चाचा ने बताया है कि कैसे असलम अंसारी उर्फ़ पप्पू मियाँ के नेतृत्व में मौजूद मुस्लिम भीड़ ने उनके भतीजे को पकड़ कर पीटा।

ये शामिल रहे वारदात में
असलम अंसारी, मोहम्मद नौशाद, मोहम्मद कैफ, मोहम्मद गुफरान, मोहम्मद चाँद, मोहम्मद ओसामा, मोहम्मद एहताम, मोहम्मद जाहिद, मोहम्मद सोनू, मोहम्मद फैसल, मोहम्मद शाहबाज, रब्बानी मियाँ, मोहम्मद आशिक, मोहम्मद जाशिद, मोहम्मद आशिक, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद सलमान, मोहम्मद इरफ़ान, मोहम्मद सलमान उर्फ़ भाले, मोहम्मद छोटे, मोहम्मद इस्तेखार, मोहम्मद इकबाल, मोहम्मद हसन, मोहम्मद अनीस और मोहम्मद नौशाद।

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