इमोशनल और हैरान करने वाली यह कहानी झारखंड के हजारीबाग की है। यह योगी एक गांव में भीख मांगते हुए पहुंचा। वो परंपरागत तौर-तरीके से भजन गा रहा था। उसके भजन सुनकर कुछ लोगों को 26 साल पुरानी बातें याद आ गईं। जब योगी को पास बैठाकर सवाल-जवाब किए गए, तो सामने आया चौंकाने वाला रहस्य...
हजारीबाग(झारखंड). यह कहानी एक ऐसे युवक की है, जो 26 साल पहले किसी बात से नाराज होकर अपने घर से भाग गया था। परिजनों ने काफी ढूंढ़ा। पुलिस ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन उसका पता नहीं चला। आखिरकार परिजनों ने उसे अपने लिए मरा मान लिया। कुछ साल तक परिजन उसकी याद में आंसू बहाते रहे, फिर वक्त के साथ जख्म भी भरते चले गए। लेकिन 26 साल बाद अचानक बेटे को सामने देखकर परिजन खासकर मां-बाप को अपनी आंखों पर भरोसा ही नहीं हुआ। हालांकि बेटा अब योगी बन चुका था। लाजिमी है, ऐसे में कोई उसे कैसे पहचान पाता। लेकिन बेटे ने अपने गीतों के जरिये अपनी 26 साल की कहानी लोगों को सुनाई। ब जाकर सबको उस पर भरोसा हुआ।
भीख मांगते हुए अपने घर जा पहुंचा था..
योगी भीख मांगते हुए हजारीबाग के बांडी सिमर गांव जा पहुंचा था। इसी गांव में उसका घर भी है। घटना सोमवार की है। योगी अपने परिजनों को देखकर भावनाएं नहीं रोक पाया। उसने सच्चाई बयां कर दी। हालांकि गांववालों और परिजनों को उसकी बात पर भरोसा नहीं हुआ। तब उसने गीतों के जरिये अपनी पूरी आपबीती सुना दी। इसके बाद परिजनों ने उसके चेहरे और शरीर पर बने बचपन के निशानों से पहचान की।
हालांकि योगी विजय कुशवाह सरैया अपने गुरु की आज्ञा का पालन करने वापस घर से चला गया। योगी ने बताया कि घर से भागने के बाद वो मुंबई पहुंचा था। वहां बदमाशों ने लूटपाट करते हुए उसे अधमरा करके छोड़ दिया था। तब मां मुम्बा देवी के दर्शन करने जा रहे संन्यासियों के दल ने उसकी जान बचाई। उसका इलाज कराया। हालांकि संन्यासियों ने उसे वापस घर जाने को कहा था, लेकिन उसने गुरु दीक्षा की जिद पकड़ ली। करीब 12 वर्ष के वैराग्य के दौरान उससे कोई गलती हो गई। लिहाजा उसे 12 वर्ष का दुबारा वैराग्य करने का आदेश दिया गया। इसके तहत उसे भिक्षा मांगकर अपना जीवन गुजारना है। योगी ने बताया कि गुरु ने आदेश दिया था कि जब तक वो अपने मां-बाप से भिक्षा नहीं ले लेता, तब तक उसका वैराग्य पूरा नहीं होगा। इसलिए वो गांव आया था।