झारखंड में अगले साल 2023 में होने वाले नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण इस बार नहीं होगा। सोमवार को कैबिनेट में लिए गए अहम निर्णय के मुताबिक झारखंड में नगर निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के ही होगा।
रांची(Jharkhand). झारखंड में अगले साल 2023 में होने वाले नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण इस बार नहीं होगा। सोमवार को कैबिनेट में लिए गए अहम निर्णय के मुताबिक झारखंड में नगर निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के ही होगा। पिछड़े वर्ग की आरक्षित सीटों को ओपेन सीट मानते हुए निकाय चुनाव कराए जाएंगे। राज्य मंत्रिपरिषद की सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इसे हेमंत सरकार का अब तक का सबसे बड़ा फैसला बताया जा रहा है।
राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में 19 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। इसमें बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराना सबसे प्रमुख निर्णय बताया जा रहा है। राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राहुल रमेश वाघ बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य के मामले में पारित आदेश के दृष्टिगत नगरपालिका निर्वाचन, 2023 की के लिए ये स्वीकृति प्रदान की। इसमें नगर निकाय या पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट कराने की बात कही गई है। राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट कराने की बजाय ओबीसी की आरक्षित सीटों को ओपेन मानते हुए चुनाव कराने का निर्णय लिया। राज्य में इसी साल पंचायत चुनाव भी बिना ओबीसी आरक्षण के हुआ था।
निकाय चुनाव में भी होगा नोटा का विकल्प
नगर निकाय चुनाव में मतदाताओं को मताधिकार के प्रयोग के क्रम में नोटा का विकल्प भी मिलेगा। हाल ही में नियमावली में किए गए संशोधन में इसका उल्लेख किया गया है। इस साल हुए पंचायत चुनाव में मतदाताओं को नोटा का विकल्प नहीं मिला था। साथ ही निकाय चुनाव दलीय आधार पर भी नहीं होगा ऐसा फैसला लिया गया है।
ओबीसी आरक्षण के बिना के चुनाव का हो सकता है विरोध
राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव कराने का विरोध हो सकता है। बीते दिनों विधानसभा के मानूसन सत्र में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने ओबीसी को आरक्षण देकर ही निकाय चुनाव की बात उठाते हुए कहा था कि ऐसा न हो कि पंचायत चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी ओबीसी आरक्षण से वंचित हो जाएं। आजसू पार्टी भी ओबीसी को आरक्षण देते हुए ही निकाय चुनाव कराने की लगातार मांग कर रही है।