शेल कंपनी मामलाः सीएम हेमंत सोरेन के विधायक भाई बसंत सोरेन, रवि केजरीवाल के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी व खनन मामले में शुक्रवार 8 जुलाई को फिर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। आज अदालत ने विधायक बसंत सोरेन (सीएम हेमंत के भाई) और रवि केजरीवाल को नोटिस जारी किया है। अदालत ने उपायुक्त के जरिए नोटिस भेजने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

रांची ( ranchi). झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार 8 जुलाई को प्रदेश के सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े सिर्फ शेल कंपनी मामले पर ही सुनवाई हुई है। मनरेगा व खनन लीज मामले पर नहीं हुई है। चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन की अगुवाई वाली खंडपीठ में मामले की सुनवाई चल रही है। मालूम हो कि इस मामले को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट भी गई थी। सरकार की ओर से मामले की मेंटनेंसिबलिटी पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसका फैसला होईकोर्ट को करने के लिए कहा था। सरकार की ओर से बार-बार मामले की सुवनाई रद्द करने की भी मांग की जाती रही है। मगर हाईकोर्ट इसके लिए तैयार नहीं है। बार-बार सुनवाई जारी रखने की बात की जा रही है।

मुख्यमंत्री की तरफ से यह पिटीशन दायर की गई
जानकारी के अनुसार, शेल कंपनी मामले में मुख्यमंत्री की तरफ से हस्तक्षेप याचिका दायर की गयी है, जिसमें कहा गया है कि शिव शंकर शर्मा की तरफ से याचिका दायर कर उनकी छवि को खराब किया जा रहा है। याचिकाकर्त्ता शिव शंकर शर्मा के खिलाफ मंत्रीमंडल समन्वय विभाग के संयुक्त सचिव चंद्रभूषण प्रसाद की तरफ से यह याचिका दायर की गयी है, जिसमें सीआरपीसी की धारा 340 लगाने के लिए राजधानी रांची के चर्चित बिजनेसमैन रवि केजरीवाल, रमेश केजरीवाल एवं अन्य को दिया जाता है। यह पैसा 24 कंपनियों के माध्यम से दिया जा रहा है और इन कंपनियों के माध्यम से ब्लैक मनी को वाइट मनी बनाया जा रहा है। इसलिए याचिका के माध्यम से अदालत से जांच की मांग की गई है। सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स से पूरी संपत्ति की जांच की मांग की गई है। इस मामले में झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, सीबीआई, ईडी, हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन, रवि केजरीवाल, रमेश केजरीवाल, राजीव अग्रवाल एवं अन्य को मुलजिम बनाया गया है

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जानकारी के अनुसार, आवेदक शिव शंकर शर्मा के खिलाफ मंत्रीमंडल समन्वय विभाग के संयुक्त सचिव चंद्रभूषण प्रसाद की तरफ से यह याचिका दायर की गयी है, जिसमें सीआरपीसी की धारा 340 का हवाला देते हुए शेल कंपनियों की याचिका को खारिज करने की मांग की गयी है। याचिकाकर्त्ता की तरफ से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और भाभी सरला मुर्मू की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक फर्म्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ झूठे दस्तावेज और गलतबयानी करने का आरोप लगाया गया है। वहीं इस कंपनी में किये गये निवेश एवं पूंजी को गलत बताने की कोशिश पर भी सवाल उठाया गया है।याचिका में कल्पना सोरेन के नाम से ली गयी 11 एकड़ की जमीन आवंटन पर भी दलील दी गयी है, कहा गया है कि औद्योगिक उद्देश्य से आवंटित की गयी जमीन का लीज रद्द हो गया है. चतरा में प्रतापपुर आइटीआइ के निर्माण को लेकर भी कई दस्तावेज संलग्न किया गया है. सरकार ने दावा किया है कि टेंडर इश्यू होने के बाद ही निविदा रद्द हो गयी थी।शिव शंकर शर्मा की याचिका अदालत को गुमराह करने के लिए दाखिल की गयी है।

यह है मामला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनियों में निवेश और अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर माइनिंग लीज आवंटन मामले में भाजपा ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9A के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 14 फरवरी, 2022 को राज्यपाल के पास एक आवेदन दिया था। जिसमें राज्यपाल ने आर्टिकल-192 (2) के तहत चुनाव आयोग से राय मांगी है। चुनाव आयोग ने भाजपा झारखंड प्रदेश बनाम हेमंत सोरेन केस दर्ज कर नोटिस जारी कर किया था।

यह भी पढ़े- गोड्‌डा को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की सौगात: 251 योजनाओं की रखी आधारशिला, 17 का किया उद्घाटन

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