झारखंड हाईकोर्ट के सीनियर वकील कोलकाता में 50 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार, कर रहे थे ये कांड

झारखंड में दर्ज केस को रफा दफा कराने के लिए राज्य के सीनियर वकील राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 50 लाख नगद के साथ अरेस्ट किया  है। वहीं आरोपी वकील के पिता ने राज्य में हेबियस कॉपर्स यानि बंदी प्रत्यक्षीकरण की पिटीशन दायर की है। इसके अलावा इस गिरफ्तारी के विरोध में कई वकीलों ने काम बंद रखा।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 1, 2022 3:28 PM IST / Updated: Aug 03 2022, 09:28 AM IST

रांची: झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार को 31 जुलाई की रात पश्चिम बंगाल की कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाना पुलिस ने उन्हें एक मॉल से गिरफ्तार किया। मामले में कोलकाता पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा है कि राजीव कुमार के पास से 50 लाख रुपए कैश बरामद किए गए हैं। उन्होंने कोलकाता के एक व्यवसायी के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। इसी याचिका को वापस लेने के लिए उन्होंने व्यवसायी से 10 करोड़ रुपए की मांग की थी। बाद में यह डील पांच करोड़ और फिर एक करोड़ में तय हुई। राजीव इसी की एक किस्त 50 लाख रुपये लेने कोलकाता आए थे। इधर गिरफ्तारी के बाद झारखंड हाईकोर्ट के वकीलों ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी में विरोध प्रदर्शन किया। एडवोकेट एसोसिएशन की आपात बैठक में खुद को न्यायिक कार्यों के अलग रखने का फैसला लिया है जिससे हाईकोर्ट का काम बंद है।

पिता ने हाईकोर्ट में दाखिल की हेबियस कॉर्पस
इधर राजीव कुमार की गिरफ्तारी के बाद उनके पिता ने झारखंड हाईकोर्ट में हेबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका फाइल की है। इसमें कुमार को कोर्ट के सामने हाजिर करने की मांग की गई है। राजीव के पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को मामले में गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।

कई मामलों में जनहित याचिका दायर कर चुके है राजीव
राजीव कुमार झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं में से एक है। वे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कथित शेल कंपनियों और खनन लीज मामले में दाखिल हुई जनहित याचिका की पैरवी कर रहे हैं। वहीं खूंटी के मनरेगा घोटाले में भी याचिकाकर्ता के वकील राजीव ही है। वहीं10 जून को राजधानी रांची में हुई हिंसा मामले में याचिका लगाने वाले पंकज कुमार के वकील भी वही हैं। 

झारखंड पुलिस ने पल्ला झाड़ा
अधिवक्ता की पश्चिम बंगाल में हुई गिरफ्तारी से रांची पुलिस ने पल्ला झाड़ लिया है। एक पत्र जारी कर कहा गया है कि इस मामले में झारखंड पुलिस को कोई लेना-देना नहीं है जारी प्रेस रिलिज में कहा गया है कि रांची में अधिवक्ता के खिलाफ कोस मामला दर्ज नहीं है।

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