Ashadha Month 2022 Vrat Tyohar: आषाढ़ मास में कब, कौन-सा व्रत-त्योहार मनाया जाएगा? यहां जानिए पूरी डिटेल

Published : Jun 14, 2022, 04:29 PM ISTUpdated : Jun 14, 2022, 04:30 PM IST
Ashadha Month 2022 Vrat Tyohar: आषाढ़ मास में कब, कौन-सा व्रत-त्योहार मनाया जाएगा? यहां जानिए पूरी डिटेल

सार

पंचांग के अनुसार, हिंदी कैलेंडर का चौथा महीना आषाढ़ (Ashadha Month 2022 Vrat Tyohar) होता है। ये महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही खास माना जाता है। इसी महीने में वर्षा ऋतु का आरंभ भी होता है।

उज्जैन. आषाढ़ महीने में भगवान सूर्य के वरुण रूप की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ मास में यदि रोज भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाए तो सेहत अच्छी बनी रहती है। इसी महीने से चातुर्मास भी आरंभ होता है। ऐसा होते ही विवाह आदि शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। मान्यता है कि चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु सृष्टि का भार भगवान शिव को सौंपकर क्षीरसागर में विश्राम के लिए चले जाते हैं। इस महीने में कई बड़े त्योहार मनाए जाते हैं जैसे योगिनी एकादशी, गुरु पूर्णिमा आदि। आगे जानिए आषाढ़ मास 2022 में कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा…

ये हैं आषाढ़ मास के व्रत-त्योहारों की जानकारी
15 जून, बुधवार: मिथुन संक्रांति, आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा
17 जून, शुक्रवार: कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी
24 जून, शुक्रवार: योगिनी एकादशी
26 जून, रविवार: प्रदोष व्रत
27 जून, सोमवार: मासिक शिवरात्रि
28 जून, मंगलवार: हलहारिणी अमावस्या
29 जून, बुधवार: आषाढ़ अमावस्या
30 जून, गुरुवार: गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ, चंद्र दर्शन
01 जुलाई, शुक्रवार: जगन्नाथ रथ यात्रा आरंभ
03 जुलाई, रविवार: विनायक चतुर्थी व्रत
05 जुलाई, मंगलवार: स्कंद षष्ठी
06 जुलाई, बुधवार: वैवस्वत पूजा
08 जुलाई, शुक्रवार: भड़ली नवमी
09 जुलाई, मंगलवार: आशा दशमी
10 जुलाई, रविवार: देवशयनी एकादशी, वासुदेव द्वादशी, चातुर्मास का प्रारंभ
11 जुलाई, सोमवार: सोम प्रदोष व्रत, वामन द्वादशी, विजया पार्वती व्रत
13 जुलाई, बुधवार: गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूजा

30 जून से 8 जुलाई तक रहेगी गुप्त नवरात्रि
आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 30 जून से 8 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान तंत्र-मंत्र से देवी को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। इस नवरात्रि में संहार करने वाले देवी-देवताओं के गणों एवं गणिकाओं अर्थात भूत-प्रेत, पिशाच, बैताल, डाकिनी, शाकिनी, खण्डगी, शूलनी, शववाहनी, शवरूढ़ा आदि की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में विशेष रूप से दस महाविद्याओं के लिए साधना की जाती है, इनके नाम है, मां काली, तारा देवी, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, और कमला देवी।

जगन्नाथ रथयात्रा भी इसी महीने
उड़ीसा के पुरी में निकाली जाने वाली विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा भी इसी महीने में निकाली जाती है। इस बार ये रथयात्रा 1 जुलाई को निकाली जाएगी। मंदिर से निकलकर भगवान अपनी मौसी के घर विश्राम करने जाते हैं और करीब 10 दिन तक वहां रहने के बाद आषाढ़ शुक्ल एकादशी (देवशयनी एकादशी) पर पुन: मंदिर लौटते हैं। इस दिन से भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करते हैं और चातुर्मास शुरू हो जाता है।


ये भी पढ़ें-

Ashadha Gupt Navratri 2022: कब से शुरू होगी आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि, क्यों इतने खास होते हैं ये 9 दिन?

 

बचाना चाहते हैं अपनी जान और सम्मान तो इन 4 परिस्थितियों में फंसते ही वहां से हो जाएं नौ-दो-ग्यारह

ये 5 लोग सोते हुए दिख जाएं तो इन्हें तुरंत उठा देना चाहिए, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान

PREV

Recommended Stories

Mangal Gochar 2025: मंगल बदलेगा राशि, 5 राशि वालों पर टूटेगी मुसीबत-हर काम में मिलेगी असफलता
Aaj Ka Rashifal 5 December 2025: गुरु-चंद्र बनाएंगे गजकेसरी योग, जानें किसे होगा फायदा? पढ़ें राशिफल